मंत्री सिंहदेव के बयान से साफ है कि प्रदेश सरकार कोरोना मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए क़तई गंभीर और संज़ीदा नहीं है : कौशिक

प्रादेशिक मुख्य समाचार

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक नेछत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार की मंशा और इस महामारी को रोकने की उसकी आधी-अधूरी तैयारियों को लेकर सवाल उठाए हैं। श्री कौशिक ने कहा कि कोरोना का बढ़ता संक्रमण इस बात का प्रमाण है कि राज्य की कांग्रेस सरकार प्रदेश के आम जनजीवन के साथ खुला खिलवाड़ करने पर उतारू है। कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही उसकी रोकथाम के व्यापक प्रबंध करना प्रदेश सरकार की ज़िम्मेदारी थी लेकिन वह कोरोना के हर मोर्चे पर अपने नाकारेपन से अब तक वह नहीं उबर पाई है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या जिस रफ़्तार से बढ़ रही है, उसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर जो व्यवस्था दी है, उसमें न तो कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोक लगेगी और न ही लॉकडाउन को कोई औचित्य रह जाएगा। फिर सरकार ने यह भी साफ नहीं किया है कि वह सात दिनों के लॉकडाउन में कोरोना की रोकथाम के लिए कौन-कौन-से प्रभावी क़दम उठा रही है? श्री कौशिक ने भी कटाक्ष कर कहा कि पीएम से अधिकार मांगकर सीएम ने वह अधिकार डीएम को देकर यह साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार कोरोना की रोकथाम में अपनी सक्रिय भूमिका से पल्ला झाड़कर सिर्फ़ सियासी गोटियाँ खेलने और अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए अनर्गल प्रलाप करने में मशगूल रहना चाहती है। प्रदेश सरकार के इसी नाकारेपन के कारण ही प्रदेस में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब तो प्रदेश की राजधानी ही कोरोना कैपिटल के तौर पर जानी जा रही है! अगर सरकार अब भी सक्रिय नहीं होगी तो फिर प्रदेश कोरोना मुक्त कैसे किया जा सकेगा?
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर भाजपा शुरू से ही अपनी आशंकाओं से प्रदेश सरकार को आगाह करती रही लेकिन प्रदेश सरकार ने न तो टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने की चिंता की और न ही पर्याप्त उपचार के लिए कोविड-19 अस्पतालों को लेकर संज़ीदा दिखी। आज प्रदेश में कोरोना का संक्रमण विस्फोटक स्तर तक पहुँचने के बावज़ूद सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आधे-अधूरे मन से काम कर रही है। बदइंतज़ामी और बदहाली के चलते प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स आज भी नारकीय यंत्रणा के केंद्र बने हुए हैं और उनमें लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है। श्री कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के नेता प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के उस बयान का अर्थ स्पष्ट करें जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि अब जो प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया है, वह जनता के कहने पर लगाया गया है, कोरोना को रोकने में वह प्रभावी सिद्ध नहीं होगा। क्या मंत्री सिंहदेव के बयान से भी यह साफ नहीं हो जाता है कि प्रदेश सरकार कोरोना मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए क़तई गंभीर और संज़ीदा नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ मौज़ूदा लॉकडाउन को बेहद सख्त और अलग तरह का बताकर प्रदेश में जैसा माहौल बनाने का प्रयास कर रही है, दूसरी तरफ उन प्रयासों की धज्जियाँ तो ख़ुद प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग ही खुलेआम उड़ा रहे हैं। एक तरफ सौ-सौ वाहन और खुले वाहन में बंदूकधारी घूमकर लॉकडाउन का पालन करा रहे हैं, मास्क नहीं पहनने और लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर आम लोगों पर जुर्माना ठोका जा रहा है, तुरंत एफआईआर और गिरफ़्तारी का प्रावधान भी है, लेकिन दूसरी तरफ पदभार ग्रहण, स्वागत समारोह और जन्मदिन के कार्यक्रमों में शामिल कांग्रेस नेताओं पर इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कोई कार्रवाई और गिरफ्‍तारी क्यों नहीं की जा रही है? श्री कौशिक ने कहा कि सरकार और कांग्रेस नेताओं को इस बात पर ज़रा भी शर्म क्यों महसूस नहीं होती कि पदभार ग्रहण, स्वागत और जन्मदिन समारोहों में पूरा तामझाम किया जाता है, मास्क नहीं पहना जाता और सोशल डिस्टेंसिंग की तो पूरी धज्जियाँ उड़ाने में वे अपनी शान समझते हैं।

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