प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने गुरूवार को कहा कि वैश्विक व्यवधानों के कारण भारतीय रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को अपनी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने का मौका मिला है जिससे कि भारत एक आयातक देश के बजाय रक्षा उत्पादों तथा साजो सामान का निर्यातक बन सके।
जनरल चौहान उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल निरंतर बदल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम बड़े वैश्विक व्यवधानों के युग से गुजर रहे हैं। दुनिया की अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की अनिश्चितताओं के बीच, वैश्विक हथियार उद्योग बढ़ती मांग और आपूर्ति के अंतर की एक विकट समस्या से जूझ रहा है, ”।
जनरल चौहान ने रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि यह राष्ट्र के लिए रणनीतिक स्वायत्तता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूप से गोला-बारूद निर्माण के संबंध में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों द्वारा की गई विभिन्न नीतिगत बदलावों, सुधारों और पहलों का उल्लेख किया।
नागरिक-सैन्य तालमेल के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने देश के आत्मनिर्भरता अभियान को बढ़ावा देने के लिए सेवाओं, रक्षा उद्योगों और शिक्षा जगत सहित वैज्ञानिकों की तिकड़ी को एक साथ आने का आह्वान किया।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने युद्ध सामग्री में आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।