अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बिलासपुर प्रेस क्लब संगोष्ठी के आयोजन के साथ ही छत्तीसगढ़ अंचल की महिला पत्रकारों का सम्मान किया गया।
यहां राघवेंद्र राव सभा भवन स्थित बिलासपुर प्रेस क्लब में संगोष्ठी के दौरान मुख्य अतिथि डीपी विप्र कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अंजू शुक्ला ने कहा , “ जिस प्रकार दर्पण हमें चेहरा दिखाता है, उसी तरह पत्रकारिता बताती है कि समाज में हमारी छवि कैसी है। महिलाएं तभी आगे बढ़ती है, जब पुरुष उनका सम्मान करता है। पुरुष चेतना है, तो स्त्री उसकी शक्ति है। जहां स्त्रियां नहीं होती, वहां परिवार बिखर जाता है।”
कार्यक्रम की विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रेस क्लब ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन की राष्ट्रीय महासचिव शशि दीप ने महिलाओं से आपस में तालमेल बनाकर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा “कोई किसी से कम नही है। आज पुरुष प्रधान समाज जरूर है, लेकिन पुरुष वर्ग हमेशा हमारी सहायता के लिए खड़ा रहता है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सिटी कोतवाली सीएसपी आईपीएस पूजा कुमार ने अपनी पढ़ाई और आईपीएस बनने तक के सफर को साझा किया। उन्होंने कहा कि आज के जमाने में महिला बेहद सशक्त है। कोई भी ऐसा फील्ड नहीं, जहां महिलाओं ने अपनी पहचान ना बनाई है। उन्होंने कहा “पेरेंट्स की फ्रीडम बेटियों के लिए जरूरी है। महिलाओं में पिंक काॅलर जॉब का कांसेप्ट होता है। मैं कहना चाहती हूं कि वही करें, जिसमें उनकी रुचि हो।”
कार्यक्रम में अतिथियों ने पत्रकारिता में सक्रिय और उल्लेखनीय योगदान करने वाली महिला पत्रकारों को प्रशस्तिपत्र और गुलदस्ते देकर उनका सम्मान किया। इन पत्रकारों में शीला पाठक, तारिणी शुक्ला, शहजादी कुरैशी, मधु शर्मा, काजल कश्यप, स्वाति मिश्रा, उषा सोनी, ऋतु साहू, मधु खान और नियति ओझा शामिल रही।