कांजी केवल स्वाद नहीं सेहत के लिए भी है फायदेमंद

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अगर आपने स्ट्रीट फूड और अनहेल्दी, अनहाइजिनिक फूड्स को खाना पूरी तरह से छोड़ दिया है और गोलगप्पों के दीवाने हैं तो जरूर ही उसे याद करते होंगे। लेकिन सेहत को ध्यान में रखते हुए किसी भी अनहेल्दी चीज को नहीं खाना चाहते हो कांजी बनाकर पिएं। चटपटी और स्वादिष्ट कांजी केवल आपके टेस्ट बड्स को ही पसंद नहीं आएगी बल्कि ये पेट के लिए भी हेल्दी है। इसका खट्टा-मीठा स्वाद आंतों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

क्या है कांजी
कांजी एक तरह की फर्मेंटेड प्रोबायोटिक ड्रिंक है, जो काफी आंतों की सेहत के लिए फायदेमंद है। इसे पीने से आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं और डाइजेशन सही होता है। ट्रेडिशनल कांजी बनाने के लिए काली गाजर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आप लाल गाजर से भी इसे बना सकती हैं। तो चलिए जानें कैसे बनाएं हेल्दी और टेस्टी कांजी।

कांजी बनाने की सामग्री
3-4 लाल गाजर
1 चुकंदर
7-8 कप पानी
लाल मिर्च पाउडर 2 चम्मच
2 चम्मच पीली सरसों के बीज
1 चम्मच काला नमक

कांजी बनाने की सामग्री
कांजी बनाने के लिए लाल या फिर आरेंज गाजर को धोकर छील लें। अब किसी साफ पैन में पीने का पानी उबालें और ढंककर ठंडा हो जाने दें। जब ये पानी ठंडा हो जाए तो इसे किसी कांच या सेरेमिक के जार में पलट दें। अब इस पानी में गाजर, चुकंदर के टुकड़े डालें। साथ में पीली सरसों का पाउडर मिक्स करें। काला नमक, सेंधा नमक या सादा नमक डालें। लाल मिर्च पाउडर डालकर मिक्स करें। अब किसी साफ मलमल या कॉटन के कपड़े से जार का मुंह बांध दें और इसे किसी साफ जगह धूप में रख दें। तेज धूप में दो से तीन दिन में ये फर्मेंट हो जाती है। बस इसे किसी लकड़ी के चम्मच से चलाकर टेस्ट चेक कर लें। अगर इसका स्वाद खट्टा हो गया है तो मतलब ये बनकर तैयार है। इसे ठंडा कर पिएं। करीब 4-5 दिन तक इस फर्मेंटेड ड्रिंक को फ्रिज में रखकर पिया जा सकता है।

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