प्रशासन की कार्रवाई: बारिश से पहले रेत संग्रहण पर शिकंजा, 435 ट्रैक्टर डंप रेत जब्त

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बिलासपुर :  बरसात से पहले अवैध रेत भंडारण का खेल फिर तेज हो गया है। जिले की नदियों में पानी आने से पहले रेत का जमकर संग्रहण कर कालाबाजारी की तैयारी की जा रही है। ताकि बारिश के दिनों में कई गुना दाम पर रेत बेची जा सके। ऐसे में राजस्व और खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने बिल्हा तहसील के अंतर्गत ग्राम बोदरी, पिरैया और नगाड़ाडीह सहित कुल 17 स्थानों पर दबिश देकर 435 ट्रैक्टर रेत जब्त की, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर डंप किया गया था।

ग्रामीणों की सूचना पर की गई इस छापामारी में ग्राम पंचायत नगाड़ाडीह में रामलाल रात्रे द्वारा अवैध रूप से भंडारित 40 ट्रैक्टर रेत भी जब्त की गई, जिसे उप सरपंच के सुपुर्द किया गया है। अन्य स्थानों पर जब्त रेत को संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंचों की निगरानी में रखा गया है। इस कार्रवाई में तहसीलदार बोदरी संदीप साय, नायब तहसीलदार ओमप्रकाश चंद्रवंशी और माइनिंग इंस्पेक्टर राजू यादव सहित राजस्व व खनिज विभाग की टीम शामिल रही।
रेत भंडार करने वालों को कर रहे चिन्हांकित
बिल्हा एसडीएम बजरंग वर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई ग्रामीणों की शिकायत पर की गई है। उन्होंने बताया कि अवैध रेत भंडारण करने वालों की पहचान की जा रही है और नियमानुसार जुर्माने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाएगी। कार्रवाई का उद्देश्य रेत के अवैध व्यापार को रोकना और प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर लगाम लगाना है। यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।
ग्रामीणों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
खनिज विभाग की कार्रवाई में इस बार ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई। पिरैया और नगाड़ाडीह जैसे गांवों में रहने वाले लोगों ने अवैध डंपिंग की सूचना प्रशासन को दी, जिसके बाद टीम हरकत में आई। जबकि अवैध रेत खनन और भंडारण का काम बिना किसी रोक-टोक अफसरों के नाक के नीचे चल रहा था। लेकिन इस बार ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए मामले की शिकायत प्रशासन से की, जिसके बाद मजबूरन अफसरों को कार्रवाई करनी पड़ी।
रेत माफियाओं को रहता है मौके का इंतजार
हर साल बरसात से पहले नदी किनारे या गांवों के आसपास रेत का अवैध भंडारण शुरू हो जाता है। रेत माफिया यह जानते हैं कि मानसून के दौरान नदी में पानी आने के कारण रेत खनन नहीं हो पाता, जिसके कारण मांग बढ़ेगी। ऐसे में ये लोग पहले ही बड़ी मात्रा में रेत डंप कर लेते हैं और फिर बरसात के दिनों में इसे दोगुनी कीमत पर बेचते हैं।

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