रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिक सम्मलेन के अवसर पर प्रदेश के श्रमिकों के लिए अनेक घोषणाएं की. इनमें पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की निर्माण स्थल में मृत्यु होने पर एक लाख की बजाए पांच लाख रुपए देने, स्थाई दिव्यांगता पर पचास हजार की जगह ढाई लाख रुपए और अपंजीकृत श्रमिक की निर्माण स्थल पर मृत्यु होने पर एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी.एक मई के अवसर पर साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित श्रमिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आज मजदूरों का सम्मान का दिन है. छत्तीसगढ़ में हमने कई योजनाएं शुरू की. भूमिहीन मजदूरों के लिए न्याय योजना शुरू किया गया. मजदूरों को सीधे खाते में पैसा दिया गया. पूर्व की सरकार में कमीशनखोरी चलती थी. आज मजदूरों के पास यह अधिकार है कि वे अपनी पंसद से खरीदी कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब सब तरफ बंदी कर दी गई थी, तब हमारी सरकार घर लौटे मजदूरों को काम देने का किया. देश में मंदी थी, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसका असर नहीं था. करीब 19 लाख निर्माण मजदूरों को पंजीकृत किया गया है. हमारी सरकार ने बोरे-बासी को सम्मान देने का काम किया. मजदूरों के खान-पान को हमने बढ़ावा दिया है. हमारी सरकार भाषा और संस्कृति को सम्मान दिया है. मुख्यमंत्री बघेल ने बताया कि लगभग एक लाख 18 लाख 40 हजार निर्माण श्रमिकों का पंजीयन किया गया है. वहीं नोनी सशक्तिकरण में 20-20 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने पर अनुदान दिया जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने इस अवसर पर एक लाख 30 हजार 225 श्रमवीरों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 56 करोड़ 44 लाख 40 हजार 333 रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में अंतरित करने की जानकारी दी.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के जरिए घर से अन्य स्थलों पर रेल व बस से रोजाना आना-जाना करने वाले पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को 50 किमी की यात्रा के लिए मासिक टिकट कार्ड प्रदान करने की घोषणा की. इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के निर्माण स्थल पर मौत होने पर एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए, स्थाई दिव्यांगता पर देय राशि 50 हजार से बढ़ाकर ढाई लाख और अपंजीकृत निर्माण श्रमिक की निर्माण स्थल पर मौत होने पर एक लाख रुपए की सहायता प्रदान की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले साढ़े 4 सालों में 2 लाख 94 हजार से अधिक श्रमिकों का पंजीयन श्रम कार्यालय में हुआ है, और इन श्रमिकों को रोजगार भी मिला है. पिछले 4 वर्षों में श्रमिकों के कल्याण के लिए 13 नई योजनाएं संचालित की गई हैं और योजना के अंतर्गत एक सौ 72 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की गई है. उन्होंने इसके अलावा मेधावी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति राशि को बढ़ाया गया है. 10वीं और 12वीं में पढ़ाई करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर 5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की. इसके साथ ही ई-रिक्शा अनुदान की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 01 लाख रुपए किया गया है. “श्रमेव जयते” ऐप में श्रमिक मोबाइल के माध्यम से आसानी से अपना पंजीयन कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रमिकों को सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केंद्र की शुरुआत की गई है. इस केंद्र के माध्यम से श्रमिकों की समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा. टोल फ्री नंबर 07713505050 पर कॉल करके श्रमिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं.