सर्पदंश से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह: बारिश के मौसम में बरतें सावधानी

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बारिश के मौसम में सांप, बिच्छू जैसे जहरीले जीव-जंतु अपने बिलों से बाहर आकर घरों की ओर रुख कर लेते हैं, जिससे सर्पदंश के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। इसको लेकर बेमेतरा जिला स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और जागरूक रहने की सलाह दी है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमृत रोहडेलकर ने बताया कि सर्पदंश का इलाज केवल अस्पताल में संभव है, झाड़-फूंक या अंधविश्वास के चलते की गई देरी जानलेवा हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिले के अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम की पर्याप्त व्यवस्था है, जहां पीड़ितों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है।

सावधानी और बचाव के उपाय:

  • अंधेरे में बाहर निकलते समय टॉर्च और जूते पहनना अनिवार्य करें
  • घर में कूड़े का ढेर, चूहों के लिए अनाज या भोजन सामग्री न रखें
  • सर्पदंश की स्थिति में घबराएं नहीं, इससे जहर तेजी से फैलता है
  • काटे गए स्थान को हिलाएं नहीं, न ही बांधें या जलाएं
  • झोला छाप डॉक्टर और ओझा-गुनी से दूर रहें

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक बंसोड़ ने लोगों से अपील की कि सर्पदंश के मामलों में घबराएं नहीं, तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुंचें। उन्होंने कहा कि झाड़-फूंक से समय गंवाना जानलेवा हो सकता है।

आपात स्थिति में क्या करें?

  • नजदीकी अस्पताल में तुरंत इलाज कराएं
  • आरएचओ, मितानिन या स्वास्थ्य अमले से संपर्क करें
  • अस्पताल में मिल रहा एंटीवेनम पूरी तरह निःशुल्क है

प्रशासन की अपील है कि सर्पदंश के मामलों में जागरूकता ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। समय पर अस्पताल पहुंचने से अनावश्यक मौतों को रोका जा सकता है।

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