2 ma_ii ko manaayaa jaa rahaa hai ‘varlḍa asthamaa ḍae’

राष्ट्रीय स्वास्थ्य

नई दिल्ली. दुनियाभर में हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को  विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस साल ‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ 2 मई को मनाया जाएगा। यह खास दिन हर साल लोगों को अस्थमा से बचाव और रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

क्या है अस्थमा रोग-
अस्थमा सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों में से एक है। यह रोग फेफड़ों पर अटैक करके सांस को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को अस्थमा की वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है उन्हें अपने आहार और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ मनाने की शुरुआत कैसे हुई?
‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ को सबसे पहले मनाने की शुरुआत साल 1993 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा द्वारा की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अनुमान लगाया गया कि वैश्विक स्तर पर 339 मिलियन से अधिक लोग अस्थमा से पीड़ित है जबकि साल 2016 में वैश्विक स्तर पर अस्थमा के कारण 417,918 मौतें हुई थीं।

‘वर्ल्ड अस्थमा डे’ की थीम-
बता दें, विश्व अस्थमा दिवस 2023 की थीम अभी तक घोषित नहीं की गई है, हालांकि, इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि इस साल भी हर साल की तरह इसकी थीम अस्थमा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और अस्थमा रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर ही ध्यान केंद्रित होगी। बात अगर साल 2022 की थीम की करें तो पिछले साल अस्थमा दिवस की थीम ‘Closing Gaps in Asthma Care’ यानी अस्थमा देखभाल में अंतराल बंद करना रखी गई थी। इसका मतलब है- अस्थमा को लेकर लोगों में काफी गैप है। कई लोगों को अब तक इसकी जानकारी नहीं है। इसी बात को ध्यान रखते हुए साल 2022 में यह थीम दी गई।

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