तिल का तेल डाइट में शामिल करने के हैं ढेर सारे फायदे

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खाना पकाने के लिए अगर आप एक हेल्दी ऑयल को चुनना चाहते हैं तो तिल का तेल बेस्ट है। किसी भी दूसरे ऑयल की तुलना में इस तेल में कई सारे जरूरी न्यूट्रिएंट्स होते हैं। जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद के साथ ही साइंस ने भी तिल के तेल को डाइट में शामिल करने के ढेर सारे फायदे बताएं हैं।

तिल के तेल में होते हैं ये सारे गुण

तिल को ऑयलसीड्स की रानी कहा जाता है। इसमे विटामिन, मिनरल्स के साथ ही पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड यानी पुफा होता है। जो कि हार्ट हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यहीं नहीं कुकिंग के साथ ही तिल के तेल को और भी कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है। जिससे स्किन से लेकर बालों की हेल्थ अच्छी होती है।

तिल का तेल कोलेस्ट्रॉल पेशेंट के लिए है फायदेमंद

तिल के तेल में हाई लेवल का मोनोसैचुरेटेड फैट होता है। जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।

हार्ट की बीमारियों के लिए अच्छा

तिल के तेल में पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है। जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। साथ ही ब्लड वेसल्स में फैट को जमा होने से रोकता है। जिससे हार्ट की समस्या कम पैदा होती है। तिल के तेल को खाने से हार्ट डिसीज का खतरा कम होता है।

स्किन के लिए फायदेमंद

विटामिन ई से भरपूर होने की वजह से तिल का तेल स्किन के लिए भी अच्छा माना जाता है। यहीं नहीं स्टडी के अनुसार स्किन की जलन में तिल का तेल राहत देता है। स्किन पर मसाज करने से स्किन इंफेक्शन से बचत होती है।

डायबिटीज के लिए भी हेल्दी है तिल का तेल

तिल के तेल का डायबिटीज पर कितना असर है। इस बारे में ज्यादा रिसर्च नही है। लेकिन हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टीज होने की वजह से ये ब्लड ग्लूकोज लेवल को मैनेज करने में मदद करता है। हालांकि डायबिटीज पेशेंट को तिल का तेल डाइट में लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर

तिल के तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं जो सूजन को कम करने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को घटाते हैं। जिससे क्रॉनिक डिसीज कैंसर जैसी बीमारियों से खतरा कम होता है।

ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद

आयुर्वेद में ओरल हेल्थ के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल बताया गया है। ऑयल पुलिंग के लिए तिल के तेल का इस्तेमाल मुंह को बैक्टीरिया फ्री रखने में मदद करता है।

पेट की परेशानियों से आजादी

तिल के तेल को नेचुरल ल्यूब्रिकेंट की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। डाइट में खाने से तिल का तेल कब्ज की समस्या नहीं पैदा होने देता। साथ ही आंतों में गुड बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है।

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