रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने प्रदेश के तीन निजी अस्पतालों बाल्को, एमएमआई व अपोलो को कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत किए जाने के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार से इन अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों के लिए उपचार का शुल्क निर्धारित करने और कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए आगे आकर उनके इलाज का ख़र्च वहन करने की मांग की है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश को कोरोना महामारी का शिकार बनाकर अब अपने हाथ ऊपर करके लोगों को भगवान भरोसे नहीं छोड़ सकती। भाजपा सजग विपक्ष के तौर पर प्रदेश सरकार को उसके इस नाकारेपन पर पर्दा डालने भी नहीं देगी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कुंठित मानसिकता का परिचय देकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना बंद कर दी थी, जिसका दुष्परिणाम प्रदेश की जनता को अब इस महामारी में भुगतना पड़ रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोक-कल्याण से जुड़ी इस महती योजना को जारी रखा होता तो आज प्रदेश के ज़रूरतमंदों को उसका लाभ मिलता और अब सामने आने वाले कोरोना संक्रमितों के निजी अस्पतालों में उपचार में भी यह आयुष्मान योजना काफी राहतमंद साबित होती। लेकिन प्रदेश सरकार को तो सिर्फ़ सत्ता चाहिए थी, प्रदेश के लोगों की सुविधा और कल्याण से तो उसका दूर-दूर तक कोई वास्ता ही नहीं रहा है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल अपनी एक लकीर तक प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में खींच नहीं पाए और ‘मोदी-विरोध’ के अपने इकलौते एजेंडे पर चलकर केंद्र सरकार की महती योजना के लाभ से भी प्रदेश को वंचित कर दिया। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीति और नेतृत्वहीनता ने एक तो इस योजना से प्रदेश को वंचित किया, दूसरे खूब बड़ी-बड़ी डींगें हाँक कर भी प्रदेश सरकार अपनी युनिवर्सल हेल्थ स्कीम को राज्य में लागू तक नहीं कर पाई है। अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार को निजी अस्पतालों में राशन कार्ड के आधार पर लोगों के नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना के हर मोर्चे पर प्रदेश सरकार की लापरवाही ने आज प्रदेश में कोरोना महामारी के संकट को बेकाबू कर दिया है और अब भी प्रदेश सरकार इस मोर्चे पर अपनी लापरवाही से बाज नहीं आकर सियासी नौटंकियों में ही मशगूल है।