उच्चतम न्यायालय ने पांच मई को आयोजित की गई राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी), 2024 से संबंधित विवाद को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं की जांच के लिए उन्हें अपने पास स्थानांतरित करने का शुक्रवार को फैसला किया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की याचिका पर यह फैसला किया।
पीठ ने परीक्षा में नकल समेत अन्य आरोपों से घिरे एनटीए के खिलाफ उच्च न्यायालयों में संबंधित याचिकाएं दायर करने वालों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह उन याचिकाओं पर आठ जुलाई को सुनवाई करेगी।
एनटीए के खिलाफ दिल्ली, कलकत्ता, छत्तीसगढ़ और अन्य उच्च न्यायालयों में याचिकाएं दायर की गई थीं।
शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कई अधिवक्ताओं ने बिहार में परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र सार्वजनिक होने का मुद्दा उठाते हुए नामांकन से संबंधित छह जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग को निलंबित करने का निर्देश देने की गुहार लगाई।
इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने पहले भी इस तरह के अनुरोध को खारिज कर दिया था।
पीठ ने सुनवाई के दौरान एनटीए को उन याचिकाओं में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी, जिनमें शीर्ष अदालत के 13 जून के आदेश के साथ उन 1563 विद्यार्थियों के लिए एक नई परीक्षा को मंजूरी देने के साथ अनुग्रह या क्षतिपूर्ति अंक देने पर सवाल उठाया गया था। उनके अधिवक्ताओं ने दलील दी कि एनटीए ने महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर गुरुवार को शीर्ष अदालत का आदेश हासिल किया था।
नीट में शामिल कई विद्यार्थियों ने अंकों में बढ़ोतरी का आरोप लगाया है, जिसके कारण रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने शीर्ष रैंक हासिल की है। इनमें एक ही परीक्षा केंद्र के छह उम्मीदवार शामिल हैं।
शीर्ष अदालत के समक्ष राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया और कहा कि एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के समय बर्बाद होने के बदले क्षतिपूर्ति अंक छात्रों के उच्च अंक प्राप्त करने की वजह हैं।
शीर्ष अदालत ने देर से प्रश्नपत्र मिलने के बदले अतिरिक्त अंक (ग्रेस मार्क्स) पाने वाले 1563 विद्यार्थियों को 23 जून को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प देने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को 13 जून को मंजूर किया था। पीठ ने शिक्षक अलख पांडे और अन्य की याचिकाओं पर पुनः परीक्षा कराने के फैसले से संबंधी केंद्र सरकार के हलफनामे पर विचार के बाद यह अनुमति दी थी।
शीर्ष अदालत के समक्ष एनटीए ने यह भी कहा था कि क्षतिपूर्ति अंक पाने वाले 1563 विद्यार्थियों में जो दोबारा परीक्षा में शामिल होने का विकल्प अपनाएंगे, उन्हें इस परीक्षा में प्राप्त अंक वाले अंक पत्र जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही यह भी कहा था कि क्षतिपूर्ति अंक पाने वाले जो विद्यार्थी निर्धारित तारीख पर दोबारा होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, उन्हें पहले दिए गए ‘क्षतिपूर्ति अंक’ काटकर अंक पत्र जारी किए जाएंगे। इस प्रकार से नयी रैंकिंग के साथ परीक्षा परिणाम जारी किए जाएंगे।
