नयी दिल्ली, विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और कनाड़ा के बीच द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति हो रही है और भारत संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए सकारात्मक सोच से आगे बढ रहा है। भारत और कनाड़ा के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को यहां विस्तार से बैठक की और व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, असैन्य परमाणु सहयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत की तीन दिन की यात्रा पर आई कनाड़ा की विदेश मंत्री अनीता आनंद और विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण सकारात्मक सोच के साथ आगे बढना है।
डा. जयशंकर ने वार्ता के दौरान अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति हुई है। उन्होंने कहा, ” हम अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक तंत्रों को फिर से स्थापित और सक्रिय करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कनाड़ा के प्रधानमंत्री कार्नी के साथ कनानसकीस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी की बात को दोहराया और कहा कि भारत का दृष्टिकोण सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना है। विदेश मंत्री ने कहा कि आज सुबह प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान भी आपको भारत के दृष्टिकोण और उसे साकार करने की सकारात्मक सोच का पता चला होगा।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, असैन्य परमाणु सहयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया है।
डा.जयशंकर ने कनाड़ाई विदेश मंत्री के साथ मिलकर संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि विदेश मंत्री के रूप में उन दोनों की ज़िम्मेदारी परस्पर सहयोग को मजबूत बनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व करना और यह सुनिश्चित करना है कि यह दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की अपेक्षाओं और लोगों के हितों पर खरा उतरे। उन्होंने कहा, ” मैं आपके साथ मिलकर काम करते हुए ऐसा करने के लिए उत्सुक हूं।”
कनाड़ा और भारत के बीच पिछले कुछ महीनों में विभिन्न स्तर पर हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने कहा ,” जब हम कनाडा को देखते हैं, तो हमें एक पूरक अर्थव्यवस्था, एक खुला समाज, विविधता और बहुलवाद दिखाई देता है, और हमारा मानना है कि यही एक घनिष्ठ, टिकाऊ और दीर्घकालिक सहयोगात्मक ढाँचे का आधार है।”
कनाड़ा और भारत के बीच विभिन्न वैश्विक मंचों पर सक्रिय साझेदारी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा , ” भारत और कनाडा लंबे समय से विश्व मामलों में सक्रिय रहे हैं। हम जी-20 और राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा समन्व्य उल्लेखनीय है। हम प्रभावी बहुपक्षवाद, जलवायु कार्रवाई और सतत विकास लक्ष्य एजेंडा 2030 के प्रबल समर्थक हैं। हम बढ़ती व्यापकता और गहराई वाली मज़बूत साझेदारियों से अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को जोखिम-मुक्त करना चाहते हैं। यह यात्रा वैश्विक परिदृश्य की समीक्षा करने और विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करती है।”
