रायपुर, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को महानदी भवन में कैबिनेट मीटिंग हुई। बैठक में बिजली बिल को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। राज्य में 1 दिसंबर 2025 से मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान लागू किया गया है।
इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 100
यह राहत 400 यूनिट तक खपत वाले उपभोक्ताओं को भी मिलेगी। इसके तहत 200 से 400 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले परिवारों को अगले एक साल 200 यूनिट तक हाफ बिल ही देना होगा। ताकि वे इस दौरान अपने घरों में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर प्लांट स्थापित करा सके। इससे लगभग 6 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
बता दें कि 4 महीने पहले यानी 1 अगस्त 2025 को सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना पर बड़ा बदलाव किया था। भूपेश सरकार के समय लागू 400 यूनिट की सीमा को घटाकर 100 यूनिट कर दिया था। इस बदलाव का असर सीधे-सीधे लाखों परिवारों पर पड़ा था। बिल लगभग डबल हो गया था।
विपक्षी दलों ने विरोध जताया। इसके बाद साय सरकार ने 100 यूनिट को बढ़ाकर 200 यूनिट बिजली बिल हाफ योजना की घोषणा की। सीएम साय ने विधानसभा के विशेष सत्र के समापन पर इसका ऐलान किया था। 1 दिसंबर से नई योजना लागू होने की घोषणा की थी। कैबिनेट बैठक में सोलर प्लांट पर सब्सिडी बढ़ाने का फैसला भी लिया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आम लोगों को बिजली बिल में राहत मिली।
42 लाख उपभोक्ताओं को राहत
मुख्यमंत्री ऊर्जा राहत जन अभियान से प्रदेश के 42 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे, वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का लाभ प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को मिलेगा।
गौरतलब है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत राज्य शासन की ओर से सब्सिडी दी जा रही है, जिसके तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट पर 15,000 रुपए और 2 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता के प्लांट पर 30,000 रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है।
सरकार का दावा है कि यह व्यवस्था राज्य में सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित करेगी और आने वाले समय में उपभोक्ताओं को हाफ बिजली से फ्री बिजली की ओर ले जाएगी।
नई बिजली बिल हाफ योजना को उदाहरण सहित समझिए
अगर कोई परिवार हर महीने 200 यूनिट बिजली खर्च करता है, तो उसका औसत बिल अभी लगभग 840 से 870 रुपए के बीच आता है। इसमें पहले 100 यूनिट का रेट ₹4.10 प्रति यूनिट और अगले 100 यूनिट का रेट ₹4.20 प्रति यूनिट है।
अब नई योजना के तहत 200 यूनिट तक हाफ बिल स्कीम लागू है। यानी उपभोक्ता को सिर्फ आधा भुगतान करना होगा। पहले 100 यूनिट का बिल ₹410 से ₹450 तक होता है, जो अब आधा होकर ₹205 से ₹225 के बीच रह जाएगा।
दूसरे 100 यूनिट (100–200) के लिए बिल ₹840 से ₹870 तक आता है, जो अब समान रहेगा, क्योंकि यह 200 यूनिट की सीमा में ही है। कुल मिलाकर 200 यूनिट पर उपभोक्ता को लगभग ₹420 से ₹435 की सीधी राहत मिलेगी। यानी जो उपभोक्ता पहले ₹1250–₹1300 तक का बिल देते थे, अब उन्हें सिर्फ ₹800–₹850 का ही बिल चुकाना पड़ेगा।
जानिए भूपेश सरकार की हाफ बिजली बिल योजना है क्या?
भूपेश सरकार ने 1 मार्च 2019 को हाफ बिजली बिल योजना शुरू की गई थी। इसका मकसद घरेलू उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत देना था। योजना के तहत अगर कोई उपभोक्ता 400 यूनिट या उससे कम बिजली उपयोग करता था, तो उसे कुल बिल का सिर्फ आधा भुगतान करना होता था।
इसके साथ ही अगर किसी उपभोक्ता की खपत 400 यूनिट से अधिक भी होती थी, तब भी उसे पहले 400 यूनिट पर हाफ बिजली बिल का फायदा मिलता था। इसके बाद की यूनिट पर तय दरों के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था।
जनता को राहत, लेकिन विभाग पर बढ़ेगा भार
सरकार का नया मसौदा लागू होते ही राज्य सरकार पर सैकड़ों करोड़ रुपए का अतिरिक्त सब्सिडी भार बढ़ेगा। जानकारों के मुताबिक योजना के तहत गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर पड़ रहा दबाव कम होगा। बिजली बिलों का भुगतान भी नियमित रूप से हो सकेगा।
कांग्रेस और विपक्षी दलों ने जताया था विरोध
योजना में कटौती के बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने लगातार विरोध जताया था। कई जिलों में उपभोक्ताओं ने बढ़े हुए बिलों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। वहीं, छोटे परिवारों और ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं पर इसका आर्थिक असर साफ दिखने लगा था।
सरकार के भीतर भी यह महसूस किया गया कि, सीमित खपत वाले उपभोक्ताओं को राहत देना जरूरी है। इसलिए अब इस योजना की सीमा को 100 यूनिट से बढ़ाकर 200 यूनिट करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।
भंडार क्रय नियम 2002 में बदलाव को मंजूरी
कैबिनेट बैठक में अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। स्थानीय छोटे और सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम 2002 में बदलाव को मंजूरी दी गई। इससे खरीद प्रक्रिया और ज्यादा सरल और पारदर्शी होगी।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2025 और छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई। इन संशोधनों से राज्य में व्यवसाय करना आसान होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
