देश के योग गुरू बाबा रामदेव अपने योगासनों से चर्चा में रहते है लेकिन वे अपने आयुर्वेदिक ‘गुलाब शरबत’ को लेकर सामने आए है। गर्मी के मौसम में बाबा रामदेव ने इस गुलाबी शरबत को सेहत के नजरिए से बेहतर बताया है। इसके साथ ही कई बीमारियों के लिए इसके सेवन से लाभ गिनाए है। बाबा रामदेव की पंतजलि कंपनी कई उत्पादों का निर्माण करती है और निर्माण के साथ ही इसे प्राकृतिक बताती है।
गुलाबी शरबत को सबसे ज्यादा पिएं जाने वाले रूह अफजा से जोड़ा गया है तो वहीं पर इसे केमिकल फ्री कहा गया है। चलिए जानते है आखिर कैसे तैयार होता है ये गुलाबी शरबत।
गुलाब की पंखुड़ियों से तैयार होता है शरबत
आपको बताते चलें कि, यह गुलाबी शरबत को पंतजलि कंपनी द्वारा उच्च स्तर पर तैयार किया जाता है। इस गुलाबी शरबत में ताजा गुलाब की पंखुड़ियों, गुलाब जल, और कम मात्रा में चीनी का इस्तेमाल होता है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों से किसानों द्वारा गुलाब की पखुंड़िया खरीदी जाती है। इसके बाद इन पंखुड़ियों को ऑटोमैटिक वाशिंग मशीनों में साफ किया जाता है। वहीं पर इसके बाद भाप आसवन (steam distillation) मशीनों के माध्यम से गुलाब जल और अर्क तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया पंखुड़ियों के प्राकृतिक गुणों को संरक्षित रखती है।
इसमें चीनी को पानी में घोलकर गर्म करके गाढ़ा सिरप बनाया जाता है, जिसमें गुलाब जल और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, जैसे इलायची, मिलाई जाती हैं। सभी तैयार मिश्रण को स्टेनलेस स्टील के मिक्सिंग टैंक में एकसमान किया जाता है और माइक्रोन फ़िल्टर मशीनों से छानकर अशुद्धियां साफ की जाती है। पंतजलि संस्थान का नियम प्राकृतिकता पर जोर देने से होता है।
जानिए कैसे की जाती है इस शरबत की पैकिंग
आपको बताते चलें कि, इस तैयार शरबत को ऑटोमेटिक फिलिंग मशीनों की सहायता से खाद्य-ग्रेड बोतलों में भरा जाता है, जिन्हें कैपिंग और लेबलिंग मशीनों से सील कर पैक किया जाता है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पीएच मीटर और ब्रिक्स मीटर जैसे उपकरणों से प्रत्येक बैच की जांच होती है।
पाचन से लेकर इन समस्याओं के लिए सही
आपको बताते चलें कि, पंतजलि ने इस प्राकृतिक गुलाबी शरबत को लेकर कहा कि, यह शरबत पाचन, त्वचा, और मानसिक शांति के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही प्राकृतिकता और गुणवत्ता के प्रति यह समर्पण पतंजलि को आयुर्वेदिक उत्पादों में अग्रणी बनाता है। बता दें कि, पंतजलि अपना कारोबार बढ़ा है जो भारत में ही सीमित नहीं है बल्कि वैश्विक बाजारों जैसे अमेरिका, यूरोप, और अफ्रीका में निर्यात करता है। किसानों को भी इस संस्थान से फायदा मिल रहा है।
