केंद्रीय गृह मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी पिछड़ों को उचित हिस्सेदारी नहीं दी वहीं नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल उन्हें उचित सम्मान दिया बल्कि शासकीय सेवाओं एवं शैक्षणिक संस्थानों में उनके लिए आरक्षण सुविधाओं का भी विस्तार किया।
श्री शाह ने गुरुवार को यहां सीतामढी लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर के समर्थन में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी पिछड़ों को उचित हिस्सेदारी नहीं दी। काका कालेलकर समिति ने वर्ष 1955 में अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें सरकारी सेवाओं में पिछड़ों को आरक्षण देने की सिफारिशें की गई थी लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसी तरह मंडल आयोग ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान सरकारी सेवाओं में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए अपनी रिपोर्ट दी थी लेकिन फिर से उसके साथ वही किया गया, जो 1955 में काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट के साथ किया गया था।
भाजपा नेता ने कहा, “जब मंडल आयोग की सिफारिश को लागू करने के लिए लोकसभा में बहस हुई थी तो श्री राहुल गांधी के पिता स्व. राजीव गांधी ने दो घंटे से अधिक समय तक सदन में इसका कड़ा विरोध किया था।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी शैक्षणिक संस्थानों में पिछड़ों को आरक्षण दिया। पिछड़ा आयोग को भी इसी सरकार ने वैधानिक दर्जा दिया, जिसे कांग्रेस लंबे समय से नकार रही थी।
श्री शाह ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने महान सामाजिक नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के बारे में कभी नहीं सोचा था। उन्होंने कहा कि श्री यादव वर्ष 2004 से पांच साल तक केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (सरकार) के दौरान एक प्रभावशाली मंत्री थे और राजद भी 1990 से 15 साल तक बिहार में सत्ता में रही लेकिन उन्होंने कभी भी कर्पूरी ठाकुर के सम्मान की परवाह नहीं की।
