छत्तीसगढ़ में मौसम का बदलाव: 23 जिलों में भारी बारिश की संभावना, जानिए क्या है अलर्ट

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रायपुर, छत्तीसगढ़ के बस्तर में भारी बारिश के बाद अब मॉनसूनी गतिविधियों में थोड़ा ब्रेक लगा है। बस्तर संभाग में जन-जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। दंतेवाड़ा की शंखनी-डंकनी, बस्तर की इंद्रावती और सुकमा से लगी शबरी व गोदावरी नदी में बाढ़ का पानी कम हो गया है। इधर मौसम विभाग ने 23 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बारिश का मुख्य केंद्र उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ के जिले हो सकते हैं। इस दौरान आकाशीय बिजली गिरने की घटना भी हो सकती है।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने शनिवार को बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, दुर्ग, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। यहां मेघ गर्जन होने के साथ आकाशीय बिजली गिरने की घटना भी हो सकती है। साथ ही हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे हो सकती है। मौसम विभाग ने यह अलर्ट आगामी तीन से पांच घंटों के लिए जारी किया है।

इस सिस्टम से हो रही बारिश

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मॉनसून द्रोणिका अपनी सामान्य स्थिति में बनी हुई है, जिसके कारण प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने और गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने की भी संभावना है। राजधानी रायपुर में बादल छाए रहने के साथ ही बिजली गरजने-चमकने और बूंदा-बांदी होने का पूर्वानुमान विभाग ने लगाया है। इस दौरान तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। शुक्रवार को सबसे ज्यादा तापमान राजनांदगांव में 33.5 डिग्री सेल्सियस और सबसे कम तापमान दुर्ग में 20 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

बस्तर में बाढ़ ने सब कुछ किया बर्बाद

बस्तर के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक की मांदर पंचायत में भारी बारिश से 25 मकान पूरी तरह धराशाई हो गए। 85 से अधिक मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई मवेशी बाढ़ के पानी में बह गए और खेतों में भी खड़ी फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। मांदर गांव के लोगों ने बताया कि साल 1931 के बाद ऐसी भीषण बाढ़ आई। 1931 में बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया था। ठीक उसी तरह इस बार साल 2025 में यह बाढ़ आई और सबकुछ बर्बाद हो गया। बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले में बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। भारी बारिश की वजह से 5 लोगों की मौत भी हुई है।

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