रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून की रफ्तार असंतुलित बनी हुई है। कुछ जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है, तो वहीं कई जिले सामान्य बारिश से भी काफी पीछे चल रहे हैं। राज्य में अब तक औसतन 206.9 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य आंकड़ा 225.6 मिमी है, यानी प्रदेश में अब तक 8 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोरिया जैसे जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, वहीं राजनांदगांव, कबीरधाम, दुर्ग, धमतरी, रायपुर, बिलासपुर जैसे जिलों में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है।
अब तक की बारिश का आंकड़ा
राज्य में बारिश सामान्य से अभी भी 8 प्रतिशत कम दर्ज की गई है। प्रदेश में औसत सामान्य बारिश 225.6 मिमी होती है। लेकिन उसके मुकाबले अब तक 206.9 मिमी वर्षा हुई है। हालांकि कुछ जिलों में यह आंकड़ा सामान्य से काफी अधिक भी रहा।
जिलेवार बारिश के प्रमुख आंकड़े (मिमी में)
बलरामपुर- अब तक हुई बारिश, 362.4, सामान्य वर्षा 162.5
बस्तर- अब तक हुई बारिश, 311.6, – सामान्य वर्षा261.1
बीजापुर- अब तक हुई बारिश, 339.4, – सामान्य वर्षा247.6
दंतेवाड़ा- अब तक हुई बारिश, 290.8, – सामान्य वर्षा207.2
कोरिया- अब तक हुई बारिश, 230.3, – सामान्य वर्षा206.8
सूरजपुर- अब तक हुई बारिश, 233.6, – सामान्य वर्षा216.3
सरगुजा- अब तक हुई बारिश, 151.1, – सामान्य वर्षा204.3
कबीरधाम- अब तक हुई बारिश, 89.7, – सामान्य वर्षा168.3
दुर्ग- अब तक हुई बारिश, 116.42, – सामान्य वर्षा28.4
राजनांदगांव- अब तक हुई बारिश, 86.9 – सामान्य वर्षा 219.4
रायपुर- अब तक हुई बारिश, 127.9 – सामान्य वर्षा204.9
बिलासपुर- अब तक हुई बारिश, 122.8 – सामान्य वर्षा189.4
महासमुंद- अब तक हुई बारिश, 163.1 – सामान्य वर्षा 211.3
धमतरी- अब तक हुई बारिश, 154.8 – सामान्य वर्षा 212.4
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग की ओर से 4 जुलाई को उत्तर छत्तीसगढ़ और बस्तर संभाग के दक्षिणी जिलों में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में होने की संभावना है।
इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, मानसून द्रोणिका बीकानेर से होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक फैली है। मध्य प्रदेश और ओडिशा के ऊपर दो अलग-अलग ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। एक द्रोणिका उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए अरब सागर से बंगाल की खाड़ी तक फैली है, जिससे उत्तर और दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश की गतिविधियां तेज हो रही हैं।
