रायपुर : शिक्षा विभाग की युक्तियुक्तकरण नीति में भारी विसंगतियों के विरोध में शिक्षक सांझा मंच के नेतृत्व में प्रदेश भर के 23 शिक्षक संघों ने 1 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे पहले 28 मई को राजधानी रायपुर में बड़ा आंदोलन किया गया था। अब शिक्षक अतिशेष काउंसलिंग का पूर्ण बहिष्कार करते हुए सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिक्षा व्यवस्था चौपट होने का आरोप
शिक्षक सांझा मंच के प्रदेश संचालक केदार जैन और उप संचालक गिरजा शंकर शुक्ला ने बताया कि वर्तमान युक्तियुक्तकरण नीति विसंगतिपूर्ण और अव्यवस्थित है। इससे हजारों स्कूल बंद हो रहे हैं और लगभग 45,000 शिक्षकों के पद समाप्त हो रहे हैं, जो सीधे तौर पर शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने जैसा है।
भारी गड़बड़ियों का आरोप
अतिशेष काउंसलिंग को लेकर मंच का आरोप है कि पदों और स्कूलों को छुपाया गया है, विषय चिन्हांकन और वरिष्ठता में गड़बड़ियां की गई हैं। एक ही सूची में कभी युक्तियुक्तकरण के नियम, कभी 2008 का सेटअप, तो कहीं मौखिक निर्देश को लागू किया गया है। साथ ही शिक्षकों की आपत्तियां नहीं सुनी जा रही हैं।
पुलिस की निगरानी में हो रही काउंसलिंग की निंदा
मंच ने सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस बल के साए में जबरन काउंसलिंग कराई जा रही है। मंच ने इसे शिक्षकों को डराने और दबाने की कोशिश बताया है, जिसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई है।
2008 के सेटअप के अनुसार युतियुक्तिकरण की मांग
शिक्षक सांझा मंच ने मांग की है कि वर्तमान काउंसलिंग को तत्काल प्रभाव से रोका जाए और 2008 के सेटअप के आधार पर नई व्यवस्था बनाई जाए। साथ ही सभी निर्णयों पर मंच से सीधी चर्चा की मांग की गई है।
सरकार को सख्त संदेश
शिक्षकों ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि वे इस तानाशाही के आगे झुकने वाले नहीं हैं। जितना दमन किया जाएगा, आंदोलन उतना ही तेज और व्यापक होता जाएगा। यह आंदोलन न्याय मिलने तक जारी रहेगा।
