रायगढ़। खाद्य विभाग एक ओर पीडीएस दुकानों में चावल कम पाए जाने पर गबन का एफआईआर दर्ज कर रहा है। वहीं पीडीएस चावल खरीदने वाले राइस मिलर्स को बचाने का काम भी कर रहा है। तिरुपति राइस मिल में 380 बोरा एफआरके मिश्रित और दूसरे मिलों के मार्का वाला चावल पकड़ा था। इसे राजसात करने का आदेश देते हुए मिल संचालक पर 50 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। सरकार ने पीडीएस चावल को दुकान से गायब कर खुले बाजार में बेचने वाले माफिया पर रोक लगाने के लिए प्रयास किए लेकिन कोई असर नहीं हुआ है। खाद्य विभाग केवल एक ही सिरे से पीडीएस दुकानों को टारगेट करती है। जबकि दूसरे सिरे पर पीडीएस चावल खरीदने वाले राईस मिलर्स पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
दुकान संचालकों के विरुद्ध तुरंत एफआईआर कराने वाला खाद्य विभाग, राइस मिल का नाम आते ही प्रकरण में ढिलाई कर देता है। इसका ताजा उदाहरण तिरुपति राइस मिल का मामला है। 28 दिसंबर 2024 को जूट मिल पुलिस ने तिरुपति राइस मिल में छापा मारकर 380 कट्टा चावल जब्त किया था। 380 बोरे में से एफआरके मिश्रित चावल था। 50 बोरों में दूसरे मिल का मार्का भी लगा हुआ था। चावल को औरदा गोदाम में रखा गया है। खाद्य निरीक्षक की जांच में पता चला कि 50 बोरे में से 13 बोरे लोहरसिंग-2 गोदाम से और 37 बोरे किरोड़ीमल नगर के गोदाम से रायगढ़ और पुसौर की पीडीएस दुकानों को जारी किए गए थे।
इस चावल को रिसायकल करने के लिए मिल संचालक ने खरीदा था। राइस मिल संचालक राजकुमार सिंघल ने चावल के संबंध में कोई दस्तावेज ही प्रस्तुत नहीं किए। पीडीएस चावल तो राशन कार्डधारकों में बांटा जाना था, लेकिन यह तिरुपति राइस मिल पहुंच गया। चावल के बोरों में गोपी ट्रेडर्स, मनोज राईस मिल, सांईराम राईस मिल, बैजनाथ फूड्स, जगदीश राईस मिल, शुभम राईस मिल, गौरीशंकर राईस मिल, दादूराम राईस मिल और एनएम राईस मिल में दस राईस मिलों की स्लिप लगी हुई है। चावल का लैब टेस्ट करने पर भी इस बात की पुष्टि हुई कि यह पीडीएस चावल ही है। लेकिन खाद्य विभाग ने एफआईआर दर्ज कराने के बजाय प्रकरण को कमजोर कर दिया।
पूर्व कलेक्टर ने दिए थे एफआईआर के आदेश
इस प्रकरण में प्रथम दृष्ट्या पीडीएस चावल खरीदने और उसको रिसायकल करने का आरोप प्रमाणित होता है। पूर्व कलेक्टर ने खाद्य विभाग को एफआईआर दर्ज कर मिल को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश दिया था। लेकिन प्रकरण को लंबा खींचकर कलेक्टर के समक्ष सही तरीके से प्रस्तुत ही नहीं किया गया। मौके पर प्रतीक सिंघल और सुनील सिंघल ने बयान भी दिया था जिससे वे मुकर गए। कलेक्टर न्यायालय ने खाद्य विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में तिरुपति राइस मिल संचालक राजकुमार सिंघल पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया। 380 बोरा चावल को राजसात करने के साथ चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई करते हुए मिल को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
