पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन: हास्य लेखन में छोड़ी गहरी छाप

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रायपुर: छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश में हास्य-व्यंग्य और चिकित्सा क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे का निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से साहित्यिक और सामाजिक जगत में गहरा शोक फैल गया है। अनेक साहित्यकारों और राजनेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

व्यंग्य और विचार के विलक्षण कवि

डॉ. सुरेन्द्र दुबे अपनी चुटीली कविताओं और तीखे व्यंग्य के लिए देशभर में प्रसिद्ध थे। उन्होंने मंचों पर अपनी हास्यपूर्ण प्रस्तुतियों से लोगों को हँसाया जरूर, लेकिन साथ ही समाज की गंभीर समस्याओं और सच्चाइयों को भी उजागर किया। उनकी कविताएं जहां मनोरंजन करती थीं, वहीं सोचने पर मजबूर भी कर देती थीं।

पद्मश्री से सम्मानित

साहित्य और समाज के प्रति उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2010 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। उनके निधन से साहित्य और चिकित्सा—दोनों ही क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। डॉ. दुबे की रचनाएं और व्यक्तित्व आने वाले वर्षों तक स्मृतियों में जीवित रहेंगे।

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