नारायणपुर। नक्सलियों के खिलाफ अभियान में सुरक्षाबलों को फिर कामयाबी मिली है। आज नारायणपुर जिले में 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया,जिनमें से 9 पर कुल 18 लाख रुपये का इनाम था। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुरिया ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में पांच महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने इसके पीछे की वजह खोखली माओवादी विचारधारा से मोहभंग, नक्सलियों की ओर से निर्दोष आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार और प्रतिबंधित संगठन के भीतर बढ़ते आपसी मतभेद को बताया।
उनमें से, दो नक्सली सुदरेन नेताम (41) और धोबा सलाम, जो माओवादियों की एरिया कमेटी के सदस्य थे, प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले दो अन्य नक्सलियों पर 2 लाख रुपये, जबकि तीन पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि दो और नक्सलियों पर 50,000 रुपये का इनाम था।
नारायणपुर में 12 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर एसपी रॉबिन्सन गुरिया ने कहा, “आज कुल 18 लाख रुपये का इनाम वाले 12 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन 12 नक्सलियों में पांच महिलाएं और सात पुरुष शामिल हैं। इनमें से दो इंद्रावती और पूर्वी बस्तर क्षेत्र में अपने नक्सली संगठन में ईसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) थे। इनमें से एक प्लेटून 16 का है, जिसके कमांडर को हमने पिछले ऑपरेशन में मार गिराया था। उन्होंने बताया है कि वे दबाव में हैं क्योंकि वे जानते हैं कि पुलिस नक्सल विरोधी अभियान जारी रखेगी। वे सरकार की समर्पण नीति के कारण आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
एसपी ने कहा कि पूछताछ के दौरान, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि शीर्ष माओवादी नेता ही आदिवासियों के असली दुश्मन हैं। वे जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ समानता और न्याय की रक्षा करने के झूठे वादे करके स्थानीय लोगों को गुमराह करते हैं, सिर्फ उनका शोषण और उन्हें गुलाम बनाने के लिए। एसपी ने आगे बताया,”उनके अनुसार, स्थानीय कार्यकर्ताओं का बहुत ज्यादा शोषण होता है, और महिला माओवादियों की हालत तो और भी खराब है। कई नेता उन्हें शहरों या यहां तक कि विदेशों में बेहतर भविष्य का झूठा वादा करके व्यक्तिगत गुलाम की तरह रखते हैं।”
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50,000 रुपये की सहायता दी गई है और उन्हें सरकार की नीति के अनुसार आगे भी पुनर्वासित किया जाएगा। पुलिस के अनुसार, इस साल अब तक जिले में कुल 177 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
