बीजापुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को उस वक्त एक बेहद अहम कामयाबी मिली, जब 51 माओवादियों ने बुधवार को सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ‘पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन’ योजना के अंतर्गत मुख्यधारा में लौटने वाले इन माओवादियों में 9 महिला और 42 पुरुष शामिल हैं और इनमें से 20 नक्सलियों पर कुल 66 लाख रुपए का इनाम घोषित था। अधिकारियों ने कहा कि राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद एवं विकास पर केंद्रित निरंतर कोशिशों के फलस्वरूप आज 51 माओवादियों ने हिंसा का मार्ग त्याग कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। राज्य शासन द्वारा इन्हें पुनर्वास प्रोत्साहन के स्वरूप 50 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले इन माओवादियों में PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर 1 और कंपनी नंबर 1, 2 और 5 के पांच सदस्य, एक एरिया कमेटी सदस्य (ACM), सात प्लाटून सदस्य, LOS (स्थानीय संगठन दस्ता) कमेटी के 3 सदस्य, 1 मिलिशिया प्लाटून कमांडर, 14 मिलिशिया प्लाटून सदस्य और 20 निचले स्तर के सदस्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि माओवादियों ने हिंसक और जनविरोधी विचारधारा को त्यागकर शांति एवं प्रगति के मार्ग को अपनाया है।
अधिकारियों ने कहा कि आज आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में माड़ संभाग में कंपनी नंबर एक का सदस्य बुधराम पोटाम उर्फ रंजीत (25), बटालियन नंबर एक की पार्टी सदस्य मनकी कोवासी (24), कंपनी नंबर दो की पार्टी सदस्य हुंगी सोढ़ी (27), कंपनी नंबर दो का पार्टी सदस्य रवीन्द्र पुनेम उर्फ आयतू (25) और PLGA सदस्या देवे करटाम (25) के सिर पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। साथ ही हथियार डालने वाले एक अन्य माओवादी मंगू ओयाम उर्फ लालू (27) के सिर पर 5 लाख रुपए का इनाम था।
इसके अलावा सात माओवादियों पर 2-2 लाख रुपए और सात अन्य माओवादियों के सिर पर 1-1 लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने बताया कि इस साल बीजापुर जिले में 461 माओवादी मुख्यधारा में लौट आए हैं जबकि सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 138 माओवादी मारे गए हैं तथा 485 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं। साथ ही 2024 से अब तक बीजापुर जिले में 650 माओवादी मुख्यधारा में लौटे हैं जबकि जिले में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ में 196 माओवादी मारे गए तथा 986 माओवादियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि इन 51 माओवादियों के समाज में पुनर्वास और पुनर्समावेशन के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यधारा में लौटे सभी नक्सलियों ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया है। राज्य शासन द्वारा इन्हें पुनर्वास प्रोत्साहन के स्वरूप 50 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस पुनर्वास की प्रक्रिया में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाईटर, एसटीएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का विशेष योगदान रहा।
बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर जितेंद्र कुमार यादव ने कहा है कि सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है तथा मुख्यधारा में लौटने वाले माओवादियों के परिजन भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जिएं और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।’
यादव ने माओवादियों से अपील की है कि वे भ्रामक विचारधाराओं को त्यागें और निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास स्थापित हो सके। उन्होंने कहा, ‘पूना मारगेम-पुनर्वास से पुनर्जीवन’ योजना के अंतर्गत 51 माओवादियों का मुख्यधारा में लौटना बीजापुर जिले में बदलते सामाजिक परिवेश और जन विश्वास का प्रतीक है, जो यह दर्शाता है कि संवाद, पुनर्वास और विकास का मार्ग ही स्थायी शांति का मार्ग है।
 
	
 
			 
 
						 
						