महिलाएं, लड़कियां भारत के नेतृत्व में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार: मुर्मु

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को कहा कि महिलाएं और लड़कियां देश के नेतृत्व में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
राष्ट्रपति बनने के बाद घाटी की पहली यात्रा पर यहां पहुंचने के बाद श्रीमती मुर्मु ने कश्मीर विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जितना अधिक युवा शिक्षा की रोशनी की ओर बढ़ेंगे, उतना ही देश प्रगति करेगा। उन्होंने कहा,“ लड़कियां हमारे देश की तस्वीर और उसकी तकदीर पेश करती हैं।”
उन्होंने अपना भाषण ‘यी मौज कशीर’ (ओ मदर कश्मीर!) के साथ शुरू किया, जिस पर सभा में जबरदस्त तालियां बजीं। कश्मीर विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य जिसका अर्थ है ‘आइए हम अंधकार से प्रकाश की ओर चलें’ का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा,“ जितना अधिक हमारे युवा शिक्षा के प्रकाश की ओर, शांति के प्रकाश की ओर बढ़ेंगे, उतना ही हमारा देश प्रगति करेगा।”
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि जिस समाज और देश के युवा विकास और अनुशासन के मार्ग पर चलते हैं, वह प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ता है।देश को कश्मीर के जिम्मेदार युवाओं पर गर्व है।
राष्ट्रपति ने कश्मीर विश्वविद्यालय के छात्रों से अपनी पढ़ाई के साथ-साथ समाज सेवा में भी सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके वे सामाजिक बदलाव ला सकते हैं और एक मिसाल कायम कर सकते हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि पूर्व छात्रों ने देश की सेवा करके इस विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कश्मीर विश्वविद्यालय में 55 प्रतिशत छात्र लड़कियां हैं।
उन्होंने कहा,“स्वर्ण पदक और पुरस्कार विजेताओं की कुल संख्या में से लगभग 65 प्रतिशत लड़कियां हैं। मैं यहां बैठी सभी बेटियों को हृदय से बहुत-बहुत बधाई देती हूं, आशीर्वाद देती हूं। ये होनहार बेटियां हमारे देश की तस्वीर के साथ-साथ इसकी तकदीर भी हैं।”
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023’ हमारे देश में महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

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