महादेव सट्टा ऐप कनेक्शन: छत्तीसगढ़ पुलिस की DSP कल्पना वर्मा पर सनसनीखेज आरोप, व्यापारी ने किया बड़ा खुलासा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में एक बार फिर से भूचाल आ गया है। रायपुर की महिला डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) कल्पना वर्मा पर अब तक के सबसे गंभीर आरोप लगे हैं। पहले प्यार का झांसा देकर 2.5 करोड़ रुपये की ठगी और ब्लैकमेलिंग के आरोप थे, लेकिन अब एक नया खुलासा हुआ है – DSP वर्मा का कथित तौर पर महादेव सट्टा ऐप से सीधा कनेक्शन! यह मामला तब सुर्खियों में आया जब रायपुर के व्यापारी दीपक टंडन ने व्हाट्सएप चैट, सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दोनों पक्षों के बीच क्रॉस FIR भी हो चुकी है, और जांच एजेंसियां अब इस सट्टा कनेक्शन की गहराई में उतर रही हैं।

प्यार से सट्टे तक: कैसे जुड़ा महादेव सट्टा का चिट्ठा?

सूत्रों के मुताबिक, दीपक टंडन ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि DSP कल्पना वर्मा ने उन्हें न सिर्फ शादी का लालच दिया, बल्कि उनके पैसे का इस्तेमाल महादेव सट्टा ऐप जैसे अवैध ऑनलाइन जुए के नेटवर्क को मजबूत करने में किया। टंडन के अनुसार, वर्मा ने दंतेवाड़ा में एक ‘पैनल’ (सट्टा रिंग) चलाने के लिए उनसे भारी रकम उधार ली थी। जब टंडन ने पैसे वापस मांगे, तो विवाद इतना बढ़ गया कि वर्मा ने धमकी दी – “शिकायत की तो फर्जी केस में जेल भिजवा दूंगी।”

टंडन ने खुलासा किया कि वर्मा ने महादेव ऐप के जरिए सट्टे के लेन-देन को छिपाने के लिए उनके बैंक खातों का इस्तेमाल किया। यह ऐप छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश बॉर्डर पर सक्रिय अवैध सट्टा नेटवर्क का हिस्सा है, जो पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रडार पर है। ED ने हाल ही में महादेव सट्टा मामले में 50 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसमें नेताओं और अधिकारियों के नाम भी फंसे हैं। टंडन का दावा है कि वर्मा का यह कनेक्शन IPS अधिकारी आनंद छाबड़ा और अन्य वरिष्ठ पुलिसकर्मियों से भी जुड़ा हो सकता है, जिनके साथ उनकी कथित नजदीकी की बातें पहले से चर्चा में हैं।

DSP वर्मा का इनकार: “सब निराधार, जांच में तैयार

DSP कल्पना वर्मा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “यह सब झूठा प्रचार है। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। महादेव सट्टा से मेरा कोई लेना-देना नहीं।” वर्मा ने बताया कि वे बस्तर (दंतेवाड़ा) पोस्टिंग पर हैं, लेकिन रायपुर में सरकारी कामों के सिलसिले में आती-जाती रहती हैं। उन्होंने टंडन पर ही उल्टा आरोप लगाया कि वह फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहा है। वर्मा की पोस्टिंग कांग्रेस सरकार में रायपुर में थी, लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद उन्हें बस्तर भेज दिया गया। सूत्रों का कहना है कि यह ट्रांसफर भी उनके कथित ‘नेटवर्क’ से जुड़ा हो सकता है।

मामला कैसे पहुंचा कोर्ट के द्वार पर?

शुरुआत: टंडन का दावा है कि 2023 से वर्मा ने उन्हें प्यार के जाल में फंसाया। शादी का वादा कर 2.5 करोड़ रुपये, इनोवा कार, हीरे की अंगूठी और VIP रोड पर होटल दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठे।

विवाद: जब टंडन ने शादी से इनकार किया (क्योंकि वे शादीशुदा हैं), तो पैसे वापसी पर झगड़ा हुआ। यहां महादेव सट्टा का चैट सामने आया।

क्रॉस FIR: टंडन ने खम्हारडीह थाने में शिकायत की, तो वर्मा ने भी टंडन पर ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कराया।

ED की नजर: महादेव सट्टा ऐप पहले से ED की जांच में है। अब वर्मा का नाम जुड़ने से मामला और गहरा सकता है।

क्या होगा अगला कदम?

पुलिस ने दोनों पक्षों के सबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। ED को भी इसकी सूचना दी गई है, खासकर क्योंकि महादेव ऐप में पहले से ही हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग और तांत्रिक पूजाओं के लिंक सामने आ चुके हैं। अगर सट्टा कनेक्शन साबित हुआ, तो यह छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बड़ा झटका होगा। राजनीतिक हलकों में भी चर्चा है कि यह मामला सत्ता परिवर्तन से जुड़ा हो सकता है। फिलहाल, वर्मा अपनी पोस्टिंग पर ड्यूटी कर रही हैं, लेकिन विभागीय जांच का आदेश आने की किसी भी पल संभावना है।

यह मामला न सिर्फ पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि अवैध सट्टा नेटवर्क की जड़ों को उजागर करने का मौका भी दे रहा है। आगे की अपडेट के लिए बने रहें।

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