करोड़ों का जमीन फर्जीवाड़ा: बिल्डर मुकेश अग्रवाल और पिता पर FIR, जांच में जुटी पुलिस

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रायपुर। राजधानी में जमीन से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें पुरन्दर प्रमोटर एंड डेवलेपर्स प्राइवेट लिमिटेड के संचालक मुकेश अग्रवाल और उसके पिता सुरेश अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और जमीन हड़पने के गंभीर आरोप में IPC की धारा 420 और 34 के तहत आजाद चौक थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी फिलहाल फरार हैं और पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता प्रकाश समेत अन्य लोगों ने आरोप लगाया है कि रायपुर के ग्राम सड्डू स्थित उनकी बहुमूल्य भूमि (खसरा नंबर 214, 215, 216) को संयुक्त विकास परियोजना के नाम पर फर्जी दस्तावेजों और छलपूर्वक कब्जे में ले लिया गया। आरोप है कि 2017 में मुकेश और सुरेश अग्रवाल ने खुद को बिल्डर बताकर एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में साझेदारी का झांसा दिया और 08 जून 2018 को एक इकरारनामा कर लगभग 2.7 करोड़ रुपये अलग-अलग किश्तों में लिए।

लेकिन 2021 तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, जिससे परेशान होकर शिकायतकर्ताओं ने सौदा रद्द कर दिया और अपनी रकम वापस ले ली। इसके बावजूद मुकेश अग्रवाल ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से उक्त भूमि को अपनी परियोजना ‘Palm Bellazio’ के लिए नगर निगम रायपुर में बंधक के रूप में प्रस्तुत कर दिया।

फर्जी दस्तावेज, जाली हस्ताक्षर और धोखाधड़ी

शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि न तो कोई वैध विक्रय विलेख हुआ, और न ही सहमति दी गई, फिर भी 25 जुलाई और 16 सितंबर 2022 को फर्जी विक्रय दस्तावेज नगर निगम को सौंपकर जमीन का दुरुपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त, हस्ताक्षर की कूटरचना, फर्जीवाड़ा और साजिश का भी गंभीर आरोप लगाया गया है।

पहले भी धोखाधड़ी के मामले

शिकायत में यह भी बताया गया है कि मुकेश अग्रवाल आदतन अपराधी है और पहले भी रायपुर के ग्राम रींवा (तहसील मंदिर हसौद) में कई किसानों की जमीन हड़प चुका है। इन मामलों में कुछ पीड़ितों ने प्रताड़ना के चलते आत्महत्या तक कर ली थी। अग्रवाल के खिलाफ पहले से दर्ज कई आपराधिक प्रकरणों में उसकी जमानत खारिज हो चुकी है। फिलहाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। आरोपी मुकेश अग्रवाल की तलाश जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अन्य पीड़ितों की शिकायतें भी सामने आ सकती हैं।

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