खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला से गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने कथित तौर पर उसके शरीर के अंदर हाथ डाल दिया था। इसके बाद महिला की आंतें बाहर आ गईं और अत्यधिक खून बहने से उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गैंगरेप के दोनों आरोपियों हरि (40) और सुनील (35) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है।
खरगोन रेंज के आईजी सिद्धार्थ बहुगुणा और कलवा थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश सिंधिया ने फोन पर बताया, ”अभी तक घटनास्थल से लोहे या लकड़ी का कोई रॉड बरामद नहीं हुआ है। महिला की मौत अत्यधिक खून बहने के कारण हुई।”
जांच अधिकारी सिंधिया ने आरोपी के पुलिस को दिए बयान का हवाला देते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के बाद हरि ने अपना हाथ उसके शरीर के अंदर डाल दिया, जिसके बाद उसकी आंतें बाहर आ गईं।
इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी ने आंतों को वापस डालने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सका। सिंधिया ने कहा कि उसकी आंतें बाहर आ गई थीं, जबकि गर्भाशय को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
उन्होंने कहा, “हम सबूतों को इकट्ठा कर रहे हैं और उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे हैं। हम घटनास्थल से चारपाई से खून से लथपथ ‘बेड रोल’ बरामद करने के लिए दोनों आरोपियों की रिमांड लेने की कोशिश कर रहे हैं।”
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। आरोपियों पर बीएनएस की धारा 66 (मौत के कारण), 70 (1) (गैंगरेप) और 103 (1) (हत्या की सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने बताया कि महिला के साथ शुक्रवार रात को हुई गैंगरेप की यह घटना जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर रोशनी पुलिस चौकी की सीमा में हुई थी। अत्यधिक खून बहने से अगले दिन शनिवार दोपहर करीब 2.30 बजे उसकी मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि पीड़िता और आरोपी कोरकू आदिवासी समुदाय के हैं।
इस बीच, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना बताया और इसकी तुलना साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप केस से की है। निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले के चारों अभियुक्तों को फांसी दे दी गई थी।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, “इंसानियत को शर्मसार करने वाली खंडवा की घटना पर सरकार खामोश क्यों। यह आदिवासी निर्भया जैसा मामला है।”
