रायपुर, जशपुर जिले में कभी शिक्षक विहीन रहे स्कूल अब शिक्षा की रोशनी से जगमगाने लगेंगे। युक्तियुक्तकरण के पूर्व जिले में 15 शिक्षक विहीन स्कूल थे। इसमें प्राथमिक शाला की संख्या 14 और हाई स्कूल की संख्या 01 थी। युक्तियुक्तकरण के उपरांत इन 14 प्राथमिक शाला में 28 और 01 हाई स्कूल में 06 शिक्षकों को दर्ज संख्या के मान से पदस्थ कर दिया गया है।
इसी तरह युक्तियुक्तकरण के पूर्व एकल शिक्षकीय प्राथमिक शाला की संख्या 262 थी। युक्तियुक्तकरण के बाद 262 शिक्षकों को दर्ज संख्या के मान से पदस्थ कर दिया गया है। जिले में अब शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या शून्य हो गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप जिले में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के लिए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी।
छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।
