जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही बागी नेताओं की घर वापसी का दौर शुरू हो गया है। 2016 में बीजेपी से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया आज एक बार फिर कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी ज्वॉइन कर ली है। सुभाष महरिया के साथ पूर्व IPS गोपाल मीणा, पूर्व IPS रामदेव सिंह खैरवा, पूर्व IAS पीआर मीणा, डॉक्टर नरसी किराड़ ने की बीजेपी ज्वॉइन की है। प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी महरिया ने आज एक बार फिर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

सुभाष महरिया ने बीजेपी जॉइन की। इस दौरान अरुण सिंह बीजेपी और प्रदेशाध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी मौजूद रहे।
इस दौरान महरिया ने कहा- फिर से अपनी परिवार में आकर बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं। मैं बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर फिर से शामिल हुआ हूं। ऐसे में पार्टी मुझे जो भी, जहां भी जिम्मेदारी देगी। मैं उसे अच्छे से निभाने की कोशिश करूंगा।

बीजेपी पार्टी कार्यालय पहुंची सुभाष महरिया। (सफेद शर्ट में)
लगातार तीन बार सांसद चुने गए
29 सितंबर 1957 को जन्में सुभाष महरिया बीए पास हैं। उन्होंने सीकर के एसके कॉलेज से बीए किया है। पेशे से वे किसान, सामाजिक कार्यकर्ता तथा उद्योगपति हैं। वे साल 1998, 1999 व 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए। महरिया 1996 के चुनाव में कांग्रेस के हरि सिंह से हार गए थे। इसके अगले ही चुनाव में उन्होंने हरी सिंह को हराया। इसके बाद लगातार तीन बार यहां से सांसद चुने गए। साल 2009 के चुनाव में हार के बाद 2014 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। तो वे पार्टी से नाराज हो गए थे। इसके बाद 2016 से उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन की थी। 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और विजय बैंसला भी मौजूद रहे।
प्रमुख जाट नेता रहे
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे महरिया एक प्रमुख जाट नेता हैं। वह बीजेपी के किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके है। महरिया 1998 और 1999 से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए इसके बाद 2004 तक केंद्रीय राज्यमंत्री ग्रामीण विकास मंत्रालय में रहे। 2004 में फिर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए इसके बद 2010 में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बनें थे। जबकि 2011 में उन्हें बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था।

सुभाष महरिया का मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम लिखा गया त्यागपत्र।
