बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में जिस सड़क निर्माण में गड़बड़ी की खबर दिखाए जाने पर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी। उसी गड़बड़ी पर बुधवार को पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। गंगालूर-मिरतुल सड़क निर्माण की गड़बड़ी में शामिल लोक निर्माण विभाग (PWD) के 5 बड़े अफसरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पत्रकार की हत्या के बाद जांच के लिए प्रशासन ने एसआईटी का गठन किया था और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
ASP चंद्रकांत गवर्ना ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के 5 अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए अफसरों में 2 रिटायर्ड ईई, एसडीओ और सब इंजीनियर शामिल हैं। गिरफ्तार अफसरों को 2 दिन के रिमांड में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या गंगालूर-मिरतुल सड़क में भ्रष्टाचार की खबर को दिखाए जाने के बाद हुई थी। मुकेश ने ठेकेदार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। हत्याकांड के बाद डिप्टी सीएम और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के निर्देश पर दो अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। जिन पर अपराध दर्ज किया गया था, उसमें बीजापुर लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता बीएल ध्रुव, अनुविभागीय अधिकारी आरके सिन्हा, उप अभियंता जीएस कोडोपी समेत कई अन्य अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
सैप्टिक टैंक में मिली थी मुकेश की लाश
बता दें कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े के सैप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। इस मामले में सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया था कि दो लोगों ने मिलकर पत्रकार मुकेश की बेरहमी हत्या की थी। जांच में सुरेश चंद्राकर को हत्या का मुख्य मास्टरमाइंड माना गया था। मुकेश ने बीजापुर में सुरेश चंद्राकर के गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण की पोल अपनी खबर पर खोली थी। लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने बिना काम करे ही 90% राशि का भुगतान भी कर दिया था।
हत्या से चार दिन पहले रची साजिश
SIT के अफसरों के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए ना सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि महाराष्ट्र, तेलंगाना पुलिस को भी अभियान में शामिल किया गया था। सुरेश की चार गाड़ियां और हत्या के बाद प्रयुक्त एजेक्स भी जब्त कर लिए गए हैं। सुरेश चंद्राकर ने चार दिन पहले अपने भाइयों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। इस हत्याकांड के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई थी। आरोपी को भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे का खास बता रहे थे।
