रायपुर, छ्त्तीसगढ़ में नक्सलवादियों के खिलाफ लगातार ऐक्शन जारी है। बीते कुछ महीनों में सैकड़ों नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक एनकाउंटर को लेकर दायर की गई याचिका पर निर्देश देते हुए कहा कि शीर्ष माओवादी कमांडर कथा रामचंद्र रेड्डा का शव सुरक्षित रखा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि जब तक इस मामले पर फैसला ना सुनाया जाए, तब तक शव का अंतिम संस्कार ना किया जाए।
बता दें कि 22 सितंबर को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दो नक्सलवादी मारे गए थे। इसमें कथा रामचंद्र रेड्डी के ऊपर 7 करोड़ रुपए का इनाम था। 22 सितंबर को एनकाउंटर के बाद कथा रामचंद्र रेड्डी के बेटे राजा चंद्रा ने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनके पिता का फर्ची एनकाउंटर किया गया है और पुलिस अब शव को ठिकाने लगाने की कोशिश कर रही है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि नक्सली कमांडर के शव का फैसला आने तक अंतिम संस्कार ना किया जाए।
इस मामले पर जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान रेड्डी के बेटे राजा रेड्डी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील कॉलिन गॉन्जाल्विस ने कहा कि रेड्डी को पहले पकड़कर प्रताड़िता किया गया और उसके बाद हत्या कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि रेड्डी का फर्जी रूप से एनकाउंटर किया गया है। इस मामले को सुनने के बाद दोनों जजों की बेंच ने निर्देश दिया कि कथा रामचंद्र रेड्डी के शव का अंतिम संस्कार तब तक ना किया जाए, जब तक इस मामले पर हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है।
इस मामले पर छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उस दिन एनकाउंटर में दो लोग मारे गए थे। मेहता ने कहा कि इसमें याचिकाकर्ता के पिता भी मारे गए थे, जिसके ऊपर कुल 7 करोड़ रुपए का इनाम था। मेहता ने बताया कि उस दिन जिन दो नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ था, उनमें से एक के परिवार को शव दे दिया गया और उन्होंने अंतिम संस्कार कर दिया, जबकि रेड्डी का शव अस्पताल में संरक्षित रखा गया है। मेहता ने कहा कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ किया गया था, इसलिए इस मामले में पुलिस पर किसी तरह की दुर्भावना का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।
