रायगढ़। पहली बार नगरीय प्रशासन विभाग ने अवैध प्लॉटिंग पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सभी निकाय प्रमुखों को कहा गया है कि जहां भी अवैध प्लॉटिंग हो, एफआईआर दर्ज करवाई जाए। साथ ही भवन नक्शा स्वीकृति, बिजली और पानी आपूर्ति करने पर भी संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। कहीं भी अवैध प्लॉटिंग आसानी से इसलिए हो जाती है क्योंकि शहरी निकाय वहां पर सभी सुविधाएं पहुंचा देते हैं। अवैध प्लॉट तक पानी आपूर्ति के लिए अमृत मिशन की पाइप लाइन बिछा दी जाती है। विद्युत विभाग मीटर लगा देता है। इसके बाद तो कोई कमी नहीं रह जाती। पहली बार नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निगम कमिश्नरों और सीएमओ को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
कहा गया है कि कहीं भी अवैध प्लॉटिंग और निर्माण करना पाए जाने पर छग नगर पालिक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।कॉलोनी स्थापित करने के उद्देश्य से कोई अपनी या दूसरे की भूमि को भूखंडों में विभाजित करता है तो एफआईआर दर्ज करवाई जाए। अवैध प्लॉटिंग स्थल पर हुए निर्माण जैसे रोड, नाली को ध्वस्त किया जाए। कोई अधिकारी या कर्मचारी इन अवैध प्लॉटों में भवन का नक्शा स्वीकृत करता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाए। इसी तरह पानी और बिजली आपूर्ति की अनुमति देने पर भी कार्रवाई हो। राजस्व विभाग एवं नगर तथा ग्राम निवेश विभाग को सूचना दी जाए। इस आदेश के तहत सभी निकाय क्षेत्रों में कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
कई अवैध कॉलोनियां कटीं, बिना अनुमति फेज टू शुरू
रायगढ़ जिले में कई अवैध कॉलोनियां कटी हैं। बोईरदादर, लामीदरहा, अतरमुड़ा, सांगीतराई, कौहाकुंडा क्षेत्र में अवैध प्लॉट बेचे गए हैं। सरकारी जमीनों में भी पार्षदों ने प्लॉटिंग कर दी है। घरघोड़ा, खरसिया, लैलूंगा और पुसौर में तो बिना अनुमति के कई कॉलोनियां बस गईं। इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि अफसरों ने संरक्षण दिया। अब कार्रवाई के आदेश हुए हैं तो भी कुछ होगा, इसमें संदेह है।
