हास्य कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे पंचतत्व में विलीन: शोकाकुल परिजनों को सांत्वना देने पहुंचे गणमान्य लोग

प्रादेशिक मुख्य समाचार

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बेमेतरा से अमेरिका तक अपनी कविताओं से सबका दिल जितने वाले पद्मश्री से सम्मानित कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे आज पंचतत्व में विलीन हो गए. मारवाड़ी शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में राजनीति, साहित्य और कला क्षेत्र की बड़ी हस्तियां मौजूद रहे.

राजनीति, साहित्य और कला क्षेत्र की बड़ी हस्तियां रहे शामिल

डॉ. सुरेंद्र दुबे के अंतिम संस्कार में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, गृहमंत्री विजय शर्मा, वरिष्ठ मंत्री राम विचार नेताम, विधायक अनुज शर्मा, विधायक सुनील सोनी शामिल हुए. वहीं चर्चित कवि कुमार विश्वास, सूफी भजन गायक पद्मश्री मदन चौहान, कवि सुदीप भोला, गायक-अभिनेता सुनील तिवारी मौजूद रहे.

अंतर्राष्ट्रीय हास्यव्यंग कवि पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे का आकस्मिक निधन बुधवार 26 जून 2025 को हो गया. आज सुबह 10:30 बजे से उनका पार्थिव शरीर अशोका प्लैटिनम बंगला नम्बर 25 से बूढ़ातालाब स्थित मारवाड़ी शमशान घाट लाया गया.

ACI अस्पताल में ली अंतिम सांस

पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को तबीयत अचानक खराब होने पर उन्हें रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया.

हास्य और व्यंग से मानवीय संवेदनाओं को छुआ

डॉ. सुरेंद्र दुबे ने हास्य और व्यंग्य जैसी विधाओं को सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक चिंतन का जरिया बनाया. मंच पर उनकी प्रस्तुति, शब्दों का चयन और आत्मविश्वास दर्शकों को प्रभावित करता था. उन्होंने अपनी कविताओं से केवल हँसाया नहीं, बल्कि सामाजिक विसंगतियों, राजनीतिक हलचलों और मानवीय संवेदनाओं को भी छुआ और लोगों को सोचने पर मजबूर भी किया.

पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे की जीवन

8 अगस्त 1953 को बेमेतरा, छत्तीसगढ़ में जन्मे डॉ. दुबे पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक थे, लेकिन पहचान उन्होंने एक साहित्यकार और हास्य कवि के रूप में बनाई. भारतीय साहित्य के साथ ही छत्तीगसढ़ी भाषा में उनकी पकड़ बेहद मजबूत थी. उन्होंने पांच किताबें लिखी हैं और कई मंचो और TV शो पर दिखाई दिए. उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 में देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

इससे पहले पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे को वर्ष 2008 में काका हाथरसी से हास्य रत्न पुरुस्कार प्राप्त हुआ था. वर्ष 2012 में पंडित सुंदरलाल शर्मा सम्मान, अट्टहास सम्मान और संयुक्त राज्य अमेरिका में लीडिंग पोएट ऑफ इंडिया सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.

विदेशों में भी मिला सम्मान

बता दें, पद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे ने छत्तीसगढ़ की माटी से लेकर देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी कविताओं से सबका दिल जीता है. उन्हें अमेरिका (America) के वाशिंगटन (Washington) में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी एसोसीएशन द्वारा आयोजित समारोह में पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे को हास्य शिरोमणि सम्मान 2019 से सम्मानित किया गया था. नार्थ अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन की ओर से शिकागो में पद्मश्री डॉ. सुरेन्द दुबे को छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.

पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र की रचनाओं पर देश के 3 विश्वविद्यालयों ने पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की है, जो उनकी साहित्यिक और अकादमिक उपलब्धियों की पुष्टि करती है.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *