शराब घोटाले में ईडी की कार्रवाई: भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को हिरासत में लिया गया

प्रादेशिक मुख्य समाचार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दबिश देकर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी। शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हुई इस कार्रवाई में ईडी की 12 सदस्यीय टीम सुबह 6 बजे भिलाई-3 स्थित निवास पहुंची। टीम के साथ सीआरपीएफ के जवानों की टुकड़ी भी मौजूद रही। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को ईडी ने हिरासत में लिया, जिससे कांग्रेस समर्थकों में भारी आक्रोश फैल गया। चूंकि आज चैतन्य बघेल का जन्मदिन भी है, इसलिए इस कार्रवाई ने भावनात्मक और राजनीतिक दोनों ही स्तर पर गहरी प्रतिक्रिया पैदा की है।

निवास पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आज विधानसभा का मॉनसून सत्र का अंतिम दिन है, और भूपेश बघेल ने पहले ही घोषणा की थी कि वे तमनार क्षेत्र में महाजेंको द्वारा की जा रही पेड़ों की कटाई का मुद्दा सदन में जोरशोर से उठाएंगे। लेकिन ईडी की इस अचानक कार्रवाई ने सियासी एजेंडे को नया मोड़ दे दिया है।

बघेल ने X पर दी प्रतिक्रिया, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

ईडी की दबिश की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा –
“ईडी आ गई है। आज विधानसभा सत्र का अंतिम दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठना था। भिलाई निवास में ‘साहेब’ ने ईडी भेज दी है।”

विधानसभा के लिए रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा करते हुए बघेल ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा – “पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी भेजी गई थी। इस बार मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर मोदी-शाह ने अपने मालिक को खुश करने के लिए ईडी भेज दी है। भूपेश बघेल न झुकेगा, न डरेगा।”

निवास के बाहर जुटे समर्थक, लगाए नारे

जैसे ही चैतन्य बघेल की हिरासत की खबर फैली, कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में भिलाई-3 स्थित आवास के बाहर जमा हो गए। “ईडी वापस जाओ”, “केंद्र सरकार मुर्दाबाद”, जैसे नारों से माहौल गूंज उठा। कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र की आवाज दबाने की साजिश बताया। पूर्व मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इसमें कोई संयोग नहीं है। पिछली बार जब ईडी आई, वह दिन भूपेश जी का जन्मदिन था। आज चैतन्य का जन्मदिन है और फिर ईडी आ पहुंची है। यह राजनीतिक संदेश है, मगर इससे डरकर न हम रुके हैं, न रुकेंगे।”

विपक्ष ने बताया ड्रामा, कांग्रेस ने ठहराया केंद्र को जिम्मेदार

इस कार्रवाई को लेकर जहां विपक्षी दलों ने इसे “ड्रामा” करार दिया, वहीं कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार की “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” है। पार्टी का कहना है कि जब भी विपक्ष अडानी जैसे गंभीर मामलों को उठाता है, ईडी का उपयोग कर उसे दबाने का प्रयास किया जाता है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या भूपेश बघेल पेड़ कटाई मुद्दे को सदन में उसी जोर से उठा पाएंगे, जिसकी वह तैयारी कर रहे थे, या फिर यह छापेमारी कांग्रेस के रणनीतिक एजेंडे को अस्थिर कर देगी।

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