रायपुर : राजधानी रायपुर में सूदखोरी मामले में एक कंस्ट्रक्शन मटेरियल व्यापारी ने आरोप लगाया है कि उसने महज 2 लाख रुपए का कर्ज लिया था, लेकिन सूदखोर रोहित तोमर और उसके गुर्गों ने करीब 35 लाख रुपए वसूल लिए।
पीड़ित मणि साहू ने 11 जुलाई को पुरानी बस्ती थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले के साथ ही रोहित तोमर के खिलाफ रायपुर के दो थानों में अब तक कुल 7 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। बावजूद इसके वह करीब डेढ़ महीने से पुलिस की पकड़ से बाहर है।
व्हाट्सएप कॉल पर गाली-गलौज, धमकी और स्टाम्प पर जबरन हस्ताक्षर
व्यापारी मणि साहू ने बताया कि 14 दिसंबर 2022 को भाटागांव निवासी रोहित तोमर से 2 लाख रुपए 3% ब्याज दर पर उधार लिए थे। मगर इसके बाद सूदखोरी की असली कहानी शुरू हुई — तोमर ने कोरे स्टाम्प पेपर पर जबरन हस्ताक्षर कराए, और रोजाना ब्याज की मांग करने लगा।
पीड़ित का आरोप है कि रोहित तोमर, दिव्यांश, आकाश, योगेश सिन्हा और अन्य लोग उसके घर जाकर धमकाते थे और व्हाट्सएप कॉल पर अश्लील गालियां देते थे। कभी-कभी उसे भाटागांव के साईं विला में बुलाकर भी डराया-धमकाया गया।
अब तक कैश और ऑनलाइन माध्यमों से करीब 35 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं।
पुलिस कार्रवाई के बाद पीड़ितों की हिम्मत बढ़ी
रोहित तोमर और उसके भाई वीरेंद्र तोमर के खिलाफ लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। पुलिस ने जैसे ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की, वैसे ही अब अन्य पीड़ित भी सामने आने लगे हैं।
इससे पहले नारायणपुर के एक व्यापारी ने पुरानी बस्ती थाना में शिकायत की थी कि उसने 10 लाख का कर्ज लिया था और अब तक 1.10 करोड़ रुपए चुका चुका है।
