रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर में दवा कारोबारियों पर कड़ी नजर रखते हुए सघन छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है। औषधि निरीक्षकों की टीम लगातार मेडिकल दुकानों, दवा निर्माण इकाइयों और ब्लड सेंटर्स का निरीक्षण कर रही है। नियमों का उल्लंघन करने वालों और अवैध दवा कारोबारियों पर कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है।
कोरिया में भारी मात्रा में नशे की दवा की गई जब्त
कोरिया जिले में पुलिस और औषधि प्रशासन की संयुक्त टीम ने मुखबिर की सूचना पर मांजा मोड़, कुडेली इलाके में घेराबंदी की। कार्रवाई के दौरान एक आरोपी को पकड़ा गया, जिसके कब्जे से 15 स्ट्रिप यानी कुल 120 नग स्पासमों-प्रोक्सीवोन पल्स कैप्सूल बरामद हुए। ये दवा नशे के लिए अवैध रूप से इस्तेमाल की जाती है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 22 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
औषधि दुकानों में की गई जांच और कार्रवाई
राज्य के आम लोगों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से पिछले एक सप्ताह में औषधि निरीक्षकों ने प्रदेश के कुल 163 मेडिकल प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इनमें से कांकेर की श्रीराम मेडिकल स्टोर्स, नरहरपुर की यदु मेडिकल स्टोर्स, चारामा की साहू मेडिकल स्टोर्स, पलारी की जैस्मिन मेडिकल, सोते खैरागढ़ के चंद्राकर मेडिकल और सद्गुरु मेडिकल स्टोर्स में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।

इन मामलों को प्रशासनिक कार्यवाही के लिए अनुज्ञापन प्राधिकारी को भेजा गया है। इसके अलावा 19 दुकानों में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल नहीं पाए गए। इन सभी को सात दिन के भीतर कैमरे लगाने का नोटिस दिया गया है।
दवाओं की गुणवत्ता पर नजर
प्रदेश में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए औषधि निरीक्षकों ने पिछले सप्ताह 35 दवाओं के विधिक नमूने संकलित किए और राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भेजे। यहां 19 नमूनों की जांच पूरी हो चुकी है और सभी दवाओं को मानक स्तर का घोषित किया गया है।
ब्लड सेंटर्स और ऑक्सीजन यूनिट की जांच
इसी दौरान 3 ब्लड सेंटर्स और 1 ऑक्सीजन निर्माण इकाई का निरीक्षण भी किया गया। रायपुर स्थित सृष्टि ब्लड सेंटर और कोरबा के बिलासा ब्लड सेंटर का मुंबई से आए सीडीएससीओ अधिकारियों के साथ नवीनीकरण के लिए निरीक्षण किया गया। सराईपाली में नए लाइसेंस के लिए शुभा ब्लड सेंटर की जांच की गई। वहीं, चाम्पा स्थित साकेत ऑक्सीजन निर्माण इकाई का निरीक्षण कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है।
तंबाकू और पान मसाला पर कार्रवाई
युवा पीढ़ी को तंबाकू और पान मसाला के नशे से बचाने के लिए विभाग द्वारा कोटपा एक्ट के तहत विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान पिछले एक हफ्ते में 132 चालानी कार्रवाई की गई और कुल ₹14,480 का जुर्माना वसूला गया।
दवाओं की कीमत पर सख्ती
गौरतलब है कि सरकार चाहती है कि आम जनता को जीवनरक्षक दवाएं तय दर पर मिलें। इसको देखते हुए पीएमआरयू यूनिट की टीम ने 10 मेडिकल फर्मों का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि 4 दवाएं इटरारेंज टेबलेट (बैच C4017A और C40155, निर्माता: सैमसन लैबोरेटरीज प्रा. लि., सोलन – हिमाचल प्रदेश), वेरजिम 50 टेबलेट (बैच 1B1-413, निर्माता: टिकोमा फार्मासिया, मोहाली – पंजाब), इट्राहील 200 टेबलेट (बैच SPC-1261, निर्माता: शीन फार्मास्यूटिकल, जालंधर – पंजाब) निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर बेची जा रही थीं। इस मामले की पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA), नई दिल्ली को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजी गई है। ये सभी दवाएं मुख्य रूप से फंगल और बैक्टीरिया जनित बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाती हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने साफ संदेश दिया है कि नशीली दवाओं के अवैध कारोबार, मेडिकल स्टोर्स की अनियमितताओं और जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाज़ारी पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। लगातार निरीक्षण और छापों से न केवल दवा कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि आम जनता को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाएं भी उपलब्ध हो सकेंगी।
