रायपुर। बस्तर में अब बंदूकें नहीं, खेल का मैदान सज रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले से तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर ओलिंपिक में शामिल होकर इस आयोजन के माध्यम से शांति का संदेश देने की कोशिश में हैं। केंद्र और राज्य की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के तालमेल से बस्तर में माओवादी हिंसा अंतिम चरण में है। यही वजह है कि कभी हिंसा के रास्ते पर चलने वाले कई पूर्व माओवादी अब बस्तर ओलिंपिक में हिस्सा लेकर नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं।
विश्वास बहाली का प्रभावी माध्यम बन रहा ये आयोजन
यह आयोजन माओवाद प्रभावित युवाओं को मुख्यधारा में जोड़ने और क्षेत्र में विश्वास बहाली का प्रभावी माध्यम बन रहा है। नारायणपुर जिले की पूर्व माओवादी कमला, जो कभी जंगलों में हथियार लेकर दौड़ती थीं, अब रस्साकशी के मैदान में अपना दमखम दिखा रही हैं। कमला कहती हैं कि रस्सी का हर खिंचाव मेरी जिंदगी को नई दिशा देता है।
