तीन मंजिला राममंदिर के प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
राम मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप। खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी हैं।
मंदिर के पूर्वी द्वार के सामने की सीढ़ियों पर गज और सिंह की स्थापना की गई है। यह गज व सिंह सीढ़ियों के दोनों ओर स्थापित किए गए हैं।
सिंहद्वार के निकट अपर प्लिंथ के ऊपर दक्षिण में गरुण देव की आदमकद मूर्ति स्थापित कर दी गई है।
सिंहद्वार के निकट जहां दक्षिण में गरुण देव हैं वहीं उत्तर दिशा में हनुमान जी की आदमकद मूर्ति स्थापित कर दी गई है।
गज और सिंह सीढ़ियों के दोनों बाजुओं में स्थापित हैं। पिंक सैंड स्टोन से निर्मित इन मूर्तियों की लंबाई चौड़ाई भी खास है और यह बहुत आकर्षक दिखाई दे रहे हैं।
मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा। दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था होगी।
परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
