महासमुंद। क्रिसमस पर्व और आगामी नववर्ष 2026 को ध्यान में रखते हुए महासमुंद जिले में खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ के आदेश तथा कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिलेभर में खाद्य प्रतिष्ठानों की नियमित जांच की जा रही है। इसी क्रम में अभिहित अधिकारी, खाद्य एवं औषधि प्रशासन उमेश कुमार के मार्गदर्शन में शुक्रवार को जिले के प्रमुख ढाबों की सघन जांच अभियान चलाया गया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी शंखनाद भोई द्वारा क्रिसमस एवं नववर्ष के दौरान यात्रियों और आम नागरिकों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए जिले के विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग एवं प्रमुख मार्गों पर स्थित ढाबों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान मेसर्स शान-ए-पंजाब ढाबा (ग्राम कांपा), मेसर्स महाराजा ढाबा (एनएच-53, बिरकोनी) तथा मेसर्स द केसरिया ढाबा (ग्राम घोड़ारी) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने ढाबों में किचन, स्टोरेज एरिया, खाद्य सामग्री की गुणवत्ता, साफ-सफाई, कर्मचारियों की स्वच्छता, खाद्य लाइसेंस एवं अन्य आवश्यक अभिलेखों की जांच की। जांच में मेसर्स शान-ए-पंजाब ढाबा एवं मेसर्स महाराजा ढाबा में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। दोनों प्रतिष्ठानों के किचन और स्टोरेज क्षेत्र में पर्याप्त स्वच्छता व्यवस्था नहीं थी।
खाद्य सामग्री खुले में रखी गई थी और साफ-सफाई के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। इसके साथ ही इन दोनों ढाबों में आवश्यक अभिलेखों का समुचित संधारण भी नहीं पाया गया, जो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत अनिवार्य है। इन कमियों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित दोनों फर्मों को 15 दिवस के भीतर सुधारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए नोटिस जारी किया गया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित समय-सीमा के भीतर आवश्यक सुधार नहीं किए गए, तो संबंधित ढाबों का लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है अथवा नियमानुसार प्रकरण तैयार कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी कहा कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं निरीक्षण के दौरान मेसर्स द केसरिया ढाबा में स्वच्छता एवं व्यवस्थाएं अपेक्षाकृत संतोषजनक पाई गईं, हालांकि वहां भी कुछ बिंदुओं पर सुधार के सुझाव दिए गए हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे भोजन करते समय स्वच्छता का ध्यान रखें और यदि कहीं खाद्य गुणवत्ता या साफ-सफाई को लेकर शिकायत हो, तो विभाग को तत्काल सूचित करें। अधिकारियों ने बताया कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी उद्देश्य से जिले में इस प्रकार की जांच कार्यवाही आगे भी निरंतर जारी रहेगी।
