खरसिया। फर्जी स्कूल संचालित कर आरटीई के तहत प्रवेश दिखाकर शासन से प्रतिपूर्ति राशि डकारने का मामला प्रकाश में आया है। मजे की बात यह है कि 5 सालों से यह सिलसिला जारी था और स्कूल संचालक लगभग 22.50 लाख रुपए का चूना शासन को लगा चुके हैं। यह मामला खरसिया के ग्राम बड़े देवगांव अशासकीय मदर इंडिया कान्वेंट स्कूल का है। स्कूल संचालक घनश्याम टंडन एवं प्रधान पाठक शांति टंडन के खिलाफ आरटीई की राशि वसूली तथा दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के लिए विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रतिवेदन दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अशासकीय मदर इंडिया कान्वेंट स्कूल को ग्राम बड़े देवगांव में सन् 2017-18 से संचालित होना बताकर सन् 2020-2021 से आरटीई के तहत प्रवेश बता कर प्रतिपूर्ति राशि हासिल की जा रही थी। मजे की बात यह है कि सन् 2017-18 से संचालित होना बारे जा रहे स्कूल में आज तक किसी भी वर्ष का परीक्षाफल पंजी में संघारित नहीं है और ना ही किसी भी विद्यार्थी को स्थानांतरण प्रमाणपत्र ही जारी किया गया है। विदित हो कि एक माह पूर्व रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने जिले में सभी प्राईवेट स्कूलों की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी एलएन पटेल ने जांच की तो पाया कि खरसिया विकासखंड के बड़े देवगांव में अशासकीय मदर इंडिया कान्वेंट स्कूल ने आरटीई के तहत प्रवेश बता कर लाखों का गड़बड़ झाला किया है। संचालक द्वारा वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में अध्ययनरत विद्यार्थियों की दर्ज संख्या उपलब्ध करायी गई है, जिसमें नर्सरी से कक्षा 5 वीं तक कमश: 118, 110 एवं 95 विद्यार्थी अध्ययनरत बताया गया है जबकि वर्ष 2025-26 में नर्सरी से कक्षा 1 ली तक की दर्ज संख्या 30 बतायी गई है, जिसमें आर. टी. ई. के 18 बताया गया है। जबकि वास्तव में 2020-21 से वर्तमान सत्र तक एक भी छात्र-छात्रा उस विद्यालय में अध्यययनरत् नहीं है।
शासन को गुमराह करने के लिए 8 जुलाई 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ को स्कूल स्थानातंरण की झूठी शपथ पत्र सहित सूचना दी है कि वर्तमान में स्कूल गाड़ाबोरदी में संचालित है। संचालक द्वारा गाड़ाबोरदी के एक झोपड़ीनुमा भवन में अपने विद्यालय के नाम का फ्लेक्स लगा दिया है किन्तु विद्यालय संचालित नहीं है। संचालक द्वारा फर्जी तरीके से पिछले 5 वर्षों का आर. टी. ई. में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शुल्क एवं गणवेश प्रतिपूर्ति की राशि नोडल प्राचार्य शासकीय उ. मा. वि. बोतल्दा से सत्यापित कराकर शासन से राशि प्राप्त कर रहा है। उसके द्वारा वर्ष

2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 में दावा किये गये सूची के अनुसार सूची में अंकित अधिकांश छात्र शा. प्रा. शा. बड़े देवगांव, शा. प्रा. शा. उरांवपारा बड़े देवगांव तथा अशासकीय चन्द्रपाल संस्कृत विद्यालय बड़े देवगांव में अध्ययनरत पाये गये है। (प्रधान पाठकों ने इसे प्रमाणित किया है) इस प्रकार संचालक द्वारा फर्जी तरीके से शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि शासन से प्राप्त किया है।

संचालक द्वारा उपलब्ध कराये गये आर. टी. ई. के लिए बैंक खाता क्रमांक 5535101001186 केनरा बैंक खरसिया, शाखा खरसिया के बैंक स्टेटमेंट के अनुसार पिछले 05 वर्षों में शासन द्वारा कमश: रू. 3,04,121, रू. 4,48,710, रू. 5,24,120, रू. 5,02,372 तथा रू. 4,72,958 कुल रूपये 22,52,281 (बाईस लाख बावन हजार दो सौ इक्यासी रूपये मात्र) प्रदान किया गया है। तथा पिछले वर्ष का 55 विद्यार्थियों का रूपये 4,13,505 के दावा राशि की सूची जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किया है।

संबधित को संदर्भित पत्र क्रमांक 01 के द्वारा प्राप्त राशि रूपये 22,52,281 को शासन के पक्ष में चालान द्वारा जमा कर स्पष्टीकरण मांगा गया था किन्तु उसके द्वारा न ही उक्त राशि शासन के पक्ष में जमा किया और न ही स्पष्टीकरण का कोई जवाब प्रस्तुत किया गया है। इस प्रकार अशासकीय मदर इंडिया कान्वेंट स्कूल बड़े देवगांव वास्तव में सत्र 2020-21 से आज पर्यन्त कहीं भी संचालित नहीं है।

विद्यालय का संचालक घनश्याम टंडन पिता रामायण दास टंडन तथा प्रधान पाठक श्रीमती शांति टंडन पति घनश्याम टंडन निवासी ग्राम अड़भार, तहसील अड़भार, जिला सक्ती का निवासी है, वह फर्जी तरीके से विद्यालय संचालित कर रहे है। उनके विद्यालय में पिछले 05 वर्षों से कोई विद्यार्थी अध्ययनरत नहीं है फिर भी वह आर. टी. ई. के तहत प्रवेशित छात्रों का शुल्क प्रतिपूर्ति राशि शासन से प्राप्त कर रहा है। उक्त मामले में विद्यालय की मान्यता तत्काल समाप्त करने की कार्यवाही करने तथा संचालक एवं प्रधान पाठक के विरूद्ध शासन से आर. टी. ई. की गबन की राशि वसूली एवं दंडात्मक कार्यवाही किया जाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है।
