नवंबर-दिसंबर में विवाह के 17 शुभ मुहूर्त, देवउठनी एकादशी के बाद शुरू होंगे मांगलिक कार्य

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रायपुर। किसी भी पर्व को उदयातिथि के मनाने का शास्त्रीय विधान है। 1 नवंबर को सुबह 9.11 बजे से देवउठनी एकादशी शुरू हो रही है। 2 नवंबर को सुबह 7.31 बजे तक एकादशी तिथि है। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी इसलिए 1 नवंबर को ही देवउठनी एकादशी पर्व मनाया जाना शास्त्र सम्मत है। देवउठनी एकादशी पर्व के दिन से ही वैवाहिक कार्यों का द्वार खुल जाता है। नवंबर-दिसंबर में कुल 17 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। नवंबर में 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30 को विवाह के लिए मुहूर्त है। इसी तरह दिसंबर में 4, 5, 6 को शुभ मुहूर्त है। इसके बाद खरमास शुरू हो जाएगा।
देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के निंद्रा के बाद जागेंगे। गोधुली बेला में घंटा, शंख की ध्वनि के बीच भगवान विष्णु को जगाया जाएगा। तुलसी चबूतरे में गन्ने का मंडप सजाकर सालिग्राम भगवान और माता तुलसी का विवाह कराया जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक हट जाता है। ज्योतिष के अनुसार 15 दिसंबर से सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। खरमास में विवाह, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा।

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