16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

प्रादेशिक मुख्य समाचार
जिले में चलाये जा रहे नक्सली उन्मूलन अभियान के दौरान डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ एवं कोबरा 202, 210 केरिपु 222वी वाहिनी के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासों से छग शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर 16 नक्सलियों ने 30 अप्रैल 24 को पुलिस अधीक्षक  डॉ.जितेन्द्र कुमार यादव,  कमांडेंट 222वी बटालियन केरिपु विनोद मोहरिल, कमांडेंट कोबरा 202 अमित कुमार, कमांडेंट कोबरा 210 अशोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑप्स  वैभव बैंकर, उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स सुदीप सरकार के समक्ष नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास, आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 का सदस्य अरूण कड़ती ईनाम राशि – 8.00 लाख,
माटवाड़ा एलओएस कमाण्डर एसीएम रमेश ऊर्फ मुन्ना हेमला 42 वांरट लंबित ईनाम राशि – 5.00 लाख, आरपीसी सीएनएम कमाण्डर सुदरू पूनेम ईनाम- राशि 1.00 लाख,आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष पायकी कारम ईनाम- राशि 1.00 लाख, मद्देड एरिया कमेटी एलजीएस सदस्य प्रमोद ताती ऊर्फ छोटू- ईनामी राशि 1.00 लाख, पालनार आरपीसी  मिलिशिया डिप्टी कमाण्डर पाकलू हेमला ऊर्फ परवेश, पालनार आरपीसी जन मिलिशिया सदस्य लक्ष्मण उरसा ऊर्फ मंगू उरसा,पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य आयतू पूनेम ऊर्फ वरगेश,
पालनार आरपीसी अंतर्गत डॉक्टर टीम का सदस्य बुधराम पोटाम,
पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य बुधु ताती ऊर्फ गढडा,पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य लक्खू ताती, जनताना सरकार सदस्य- विद्या संस्कृति शाखा अध्यक्ष पोदिया कारम,
मददेड़ एरिया कमेटी पीएलजीए सदस्य रमेश पुनेम,पालनार आरपीसी अध्यक्ष सुखराम हेमला ऊर्फ रामलु ,पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य सुक्कू लेकाम  ऊर्फ मांझी,जनताना सरकार सदस्य-सांस्कृतिक शाखा अध्यक्ष सुक्कू ताती ये सभी नक्सली  जिले गंगालूर, बासागुड़ा मिरतुर थाना क्षेत्र के पुलिस पार्टी हमला, मार्ग अवरूद्ध, कैंप पर हमला, सलवा जुडूम कैंप पर हमला, ग्रामीणों की हत्या, विस्फोटक सामग्री सप्लाई, प्रेशर आईईडी ब्लास्ट की घटना जैसे विभिन्न घटनाओं में शामिल रहे। नक्सलियों के
संगठन में कार्यो की उपेक्षा करने एवं भेदभाव पूर्ण व्यवहार से त्रस्त होकर एवं छग शासन की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए उक्त नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया‌। आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25000-25000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया।

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