महासमुंद। राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना से लाभान्वित होकर महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम कसहीबाहरा निवासी कृषक दशरथ पटेल ने अपनी खेती की दिशा बदलकर एक प्रेरणादायक सफलता प्राप्त की है। 47 वर्षीय दशरथ पटेल, जो 12वीं तक शिक्षित हैं, पूर्व में परंपरागत रूप से धान की खेती किया करते थे। उनकी भूमि रेतीली होने के कारण धान की खेती में अधिक लागत लगती थी, जबकि उत्पादन अपेक्षाकृत कम प्राप्त होता था। सीमित भूमि होने के कारण आय भी कम थी, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार कर पाना कठिन हो रहा था।
आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पटेल ने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत अनुदान प्राप्त कर सब्जी फसल के रूप में करेले की खेती अपनाई। उन्होंने 0.60 हेक्टेयर भूमि पर ड्रिप सिंचाई एवं मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए करेले की खेती प्रारंभ की। इस परिवर्तन के बाद उनकी खेती में सुधार देखने को मिला।
धान की खेती के दौरान लगभग 21 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता था, जिसे लगभग 31 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया जाता था। इसमें लागत अधिक होने के कारण कुल आय सीमित रह जाती थी। वहीं करेले की खेती से लगभग 100 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ, जिसे औसतन 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया गया। इस प्रकार श्री पटेल को लगभग 2 लाख रुपये की कुल आय प्राप्त हुई, जबकि लागत अपेक्षाकृत कम रही। परिणामस्वरूप उन्हें धान की तुलना में लगभग चार गुना अधिक शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ।
करेले की खेती से दशरथ पटेल की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। वे वर्तमान में अपनी खेती से संतुष्ट हैं और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उनकी इस सफलता को देखकर ग्राम कसहीबाहरा सहित आसपास के क्षेत्रों के अन्य कृषक भी उद्यानिकी फसलों को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
