दुनियाभर में हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे 2025 के रूप में मनाया जाता है। यह खास दिन दुनियाभर के लोगों को दिल की सेहत का महत्व बताने और हार्ट हेल्थ को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। आज व्यस्त जीवनशैली, खानपान की खराब आदतें और वर्कआउट की कमी, लोगों के लिए दिल से जुड़े कई तरह के रोगों का खतरा पैदा कर रहे हैं। डॉ. महेश वाधवानी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मानेसर में सीटीवीएस (कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी) विभाग के निदेशक और प्रमुख के अनुसार फास्ट फूड, ऑयली, मसालेदार और मीठी चीजों के लिए प्यार, युवाओं के टेस्ट बड्स को भले ही आज खुश कर रहा हो, लेकिन अनजाने में उनकी दिल की सेहत के लिए कई बड़े खतरे भी पैदा कर रहा होता है। नमक, चीनी और तेल जैसी चीजों पर बढ़ती युवाओं की निर्भरता, स्वाद तो बढ़ाती है लेकिन दिल की उम्र को तेजी से घटा देती है। आइए जानते हैं कैसे नमक, चीनी और तेल का अधिक सेवन दिल की सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
नमक
नमक खाने का स्वाद बढ़ाता है, लेकिन सोडियम की अधिक मात्रा उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देती है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की समस्याएं हो सकती हैं। जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार रोजाना 2,300 एमजी से अधिक सोडियम का सेवन हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों से जुड़ा हुआ है। बता दें, अत्यधिक नमक (सोडियम) खाने से शरीर में तरल पदार्थ जमा होता है, जिससे रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं और रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय पर अधिक काम करने का दबाव पड़ता है और हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
मीठा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, स्वस्थ वयस्क महिलाओं को प्रतिदिन 6 चम्मच (लगभग 25 ग्राम) से अधिक अतिरिक्त चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए, जबकि पुरुषों को प्रतिदिन 9 चम्मच (लगभग 36 ग्राम) से अधिक अतिरिक्त चीनी नहीं लेनी चाहिए। यह मात्रा फलों और दूध में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली चीनी पर लागू नहीं होती है, बल्कि कोल्ड ड्रिंक्स, बिस्कुट और केक जैसे खाद्य पदार्थों में मिलाई गई चीनी के लिए है। लेकिन अमेरिका जैसे देशों में किए गए कई अध्ययनों से पता चलता है कि औसतन लोग अतिरिक्त चीनी का सेवन अनुशंसित सीमा से बहुत अधिक करते हैं, और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार यह मात्रा लगभग 17 टीस्पून प्रतिदिन तक हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध कहता है कि ज्यादा चीनी खाने से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स , सूजन (इंफ्लेमेशन) और रक्तचाप बढ़ता है, जो हृदय रोग और दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाता है।
तेल
भोजन पकाने के लिए तेल की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन भोजन पकाने के लिए तेल का अधिक इस्तेमाल शरीर में अधिक कैलोरी जमा कर सकता है, जिससे वजन बढ़ सकता है और मोटापे की समस्या हो सकती है। द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन (2020) की एक स्टडी में पाया गया कि सैचुरेटेड फैट ज्यादा लेने से रक्त में एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता है और आर्टरीज को नुकसान पहुंचता है। दरअसल, बढ़े हुए एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों में प्लाक जम सकता है, जिससे वे सख्त और संकरी हो जाती हैं, और हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
फूड हैबिट्स बदलकर दिल को रखें हेल्दी
दिल को स्वस्थ रखने के लिए आपको अपने स्वाद से समझौता करने की जरूरत नहीं है। बस, इसके लिए आपको अपने खाने की आदतों में कुछ जरूरी बदलाव करने होंगे।
-नमक कम करने के लिए आप अपनी रसोई में रोजमेरी, अजवायन या तुलसी जैसी जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैं। ये जड़ी-बूटियां भोजन को स्वाद देती हैं और सोडियम का सेवन कम करने में मदद करती हैं।
-प्रोसेस्ड मिठाइयों की जगह ताजे फल खाएं, क्योंकि इनमें रेशे और पोषक तत्व पाए जाते हैं।
-तेल की मात्रा कम करें और ग्रिलिंग या स्टीमिंग जैसी खाना पकाने के हेल्दी तरीके अपनाएं।
डॉक्टर की सलाह
नमक, चीनी और तेल से भरे आहार पल भर का स्वाद तो देते हैं लेकिन लंबे समय में हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा देते हैं। संतुलित भोजन और हेल्दी विकल्प चुनकर हम खाने की खुशी और दिल की सेहत दोनों को संभाल सकते हैं।
