ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला: H1B वीजा पर बढ़ा शुल्क, अमेरिका से भारत की ओर रुख कर सकती हैं कंपनियां

मुख्य समाचार व्यापार जगत

Trump H1B visa fee: एच-1बी वीजा आवेदकों पर 1 लाख अमेरिकी डॉलर का भारी वार्षिक शुल्क लगाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले से कंपनियों के नए आवेदन कम होंगे। इसके अलावा आने वाले महीनों में अमेरिका में आउटसोर्सिंग बढ़ सकती है। वहीं, अमेरिका के इस फैसले से कंपनियां भारत की ओर रुख कर सकती हैं।

क्या कहना है इंफोसिस के सीएफओ का

इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) मोहनदास पई ने इस धारणा को खारिज किया कि कंपनियां अमेरिका में सस्ते श्रम भेजने के लिए एच-1बी वीजा का इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष 20 एच-1बी नियोक्ताओं द्वारा दिया जाने वाला औसत वेतन एक लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कथन को बेतुकी बयानबाजी करार दिया।

भारत के लिए फायदेमंद?

नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच1-बी वीजा शुल्क को 1,00,000 अमेरिकी डॉलर करने का निर्णय अमेरिकी इनोवेशन को प्रभावित करेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फैसले से प्रयोगशालाओं, पेटेंट और स्टार्टअप की अगली लहर अब बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे भारतीय शहरों की ओर रुख करेगी, जिससे भारत के इनोवेशन को नई गति मिलेगी।

अमिताभ कांत ने कहा कि वैश्विक प्रतिभा के लिए अमेरिका के दरवाजे बंद होने से न्यू जेनरेशन की लैब्स, पेटेंट, इनोवेशन और स्टार्टअप बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और गुरुग्राम जैसे शहरों की ओर बढ़ेंगी। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अत्यधिक कुशल श्रमिकों के लिए एक लाख डॉलर का वार्षिक वीजा शुल्क लगाया जाएगा।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

जेएसए एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर्स के पार्टनर, सजाई सिंह ने कहा कि अमेरिका द्वारा एच1-बी वीजा पर सालाना 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लगाने से उन भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों के लिए लागत बढ़ेगी, जो इस वीजा पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। इससे उनके व्यापार मॉडल और कमाई पर भी बुरा असर पड़ सकता है। एक आईटी उद्योग विशेषज्ञ ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि भारतीय तकनीकी कंपनियों को हर साल 8,000-12,000 नए स्वीकृतियां मिलती हैं। इसका असर सिर्फ भारतीय कंपनियों पर ही नहीं, बल्कि अमेजन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी वैश्विक तकनीकी दिग्गज कंपनियों पर भी होगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *