तेज गर्मी बन रही युवाओं की Heart Attack की वजह

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पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें लोगों को अचानक दिल के दौरे पड़ते दिखाई पड़े हैं. गंभीर चिंता की बात ये है कि ऐसे पीड़ितों में युवाओं की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. कोई चलते-चलते खांस रहा है और वहीं पर गिर जा रहा है. कोई डांस करते हुए Heart Attack से खत्म हो जा रहा है तो कोई शादी के मंडप में जयमाला डालते हुए दुनिया छोड़ जा रहा है. इसके पीछे के दो सबसे बड़े कारण हैं- खराब लाइफस्टाइल और व्यायाम की कमी. इसके अलावा, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, सिगरेट धूम्रपान, वजन, शराब पीने और स्ट्रेस जैसे अनेक फैक्टर के कारण भी दिल का दौरा पड़ता है. हार्ट अटैक दुनियाभर में सबसे अधिक मौतों के कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में हर साल लगभग 1 करोड़ से अधिक लोगों की मौत दिल की बीमारी से होती हैं. जिनमें से अधिकतर मौतें हार्ट अटैक से होती हैं. पहले ये दिक्कत बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब इसकी गिरफ्त में सबसे ज्यादा युवा वर्ग आ रहा है. दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाती है झुलसाने वाली गर्मी इंसान का शरीर अमूमन 98.6 डिग्री फारेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस तापमान को बनाए रखता है. तापमान के थोड़ा भी बढ़ने पर पसीना पैदा कर और रक्त वाहिकाओं को डाइलेट कर यानी फैलाकर शरीर खुद को ठंडा करने की कोशिश करता है. लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता और रक्त वाहिका के आकार के बड़े हो जाने के कारण दिल की धड़कन तेज और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तब दिल के रोगियों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है. हीटवेव का दिल पर असर गर्मियों में शरीर में स्टैमिना की कमी आती है और गर्मी में ज्यादा काम करने का सीधा असर आपके दिल पर भी पड़ता है. दिल की धड़कन भी सामान्य से तेज हो सकती है. अगर हार्ट रेट बढ़ता है तो दिल पर विपरीत असर पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. गर्मियों में दिल का ध्यान कैसे रखें : डॉक्टर की राय है कि इस गर्मी में आप तरल पदार्थ ज्यादा लेते रहें जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, नमक का पानी, जिससे आपके शरीर में पानी की कमी ना हो और आप भी हाइड्रेशन का शिकार ना हो.

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