मालेगांव धमाके में साध्वी प्रज्ञा की बरी होने की वजहें: 7 अनसुलझे सवाल

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मालेगांव बम धमाके के केस में 18 साल बाद फैसला आया है। स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस केस में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी और सुधाकर द्विवेदी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस मामले में फैसला सुनाते हुए जज एके लाहोटी ने कहा कि इस केस की जांच में पर्याप्त सबूत नहीं दिए गए। ऐसे में इन सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूतों के अभाव में उन्हें बरी किया जाता है। जज लाहोटी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं हो सकता। दरअसल इस केस में अदालत ने साफ किया कि कौन से ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब नहीं मिले और आरोपियों को बरी किया जा रहा है।

ऐसे 7 अहम सवाल हैं, जिनका जवाब जांच एजेंसियों की ओर से नहीं दिया जा सका। इन सवालों के जवाब न मिलने से साबित नहीं हुआ कि मालेगांव में धमाका किसने कराया और कौन उसका दोषी हुआ। आइए जानते हैं, कौन से थे ये सवाल…

पहला- इस ब्लास्ट की साजिशों के लिए मीटिंग हुई थी। इसके बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं।

दूसरा- स्पॉट पंचनामा ठीक से नहीं किया गया। ऐसे में बहुत से सबूत सिर्फ जुबानी हैं। वास्तव में पेश नहीं किए गए।

तीसरा- बाइक साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की थी, यह साबित नहीं हो पाया।

चौथा- धमाके के लिए RDX कर्नल पुरोहित लाए थे और बम तैयार किया था। इसके सबूत नहीं मिले।

पांचवां- मालेगांव में मस्जिद के पास बम किसने प्लांट किया, सबूत नहीं।

छठा- यह भी साबित नहीं हुआ कि धमाका बाइक में ही हुआ था या नहीं।

सातवां- किसने बाइक लगाई, इसके प्रमाण नहीं मिले।

साध्वी प्रज्ञा को अदालत ने किन दलीलों पर दी क्लीन चिट

अदालत ने कहा कि जिस बाइक को साध्वी प्रज्ञा का बताया गया। वह उनकी ही है, यह साबित करने में जांच एजेंसियां फेल रही हैं। उस बाइक का चेसिस नंबर क्या था। यह भी कभी पूरी तरह पता नहीं चल सका। इस धमाके से दो साल पहले ही साध्वी प्रज्ञा संन्यासी बनी थीं। ऐसा कोई प्रमाण नहीं दिया गया कि उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर कोई साजिश रची थी।

कैसे कर्नल पुरोहित भी अदालत में निकले पाक-साफ

यह भी पुष्टि नहीं हो सकी कि आरडीएक्स कश्मीर से लाया गया था और उससे एक बम कर्नल पुरोहित ने बनाया था। कर्नल पुरोहित और अन्य लोगों के बीच पैसों का लेनदेन हुआ है। लेकिन इस पैसे को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के प्रमाण नहीं मिले। अब तक की जानकारी के अनुसार वह पैसा कर्नल पुरोहित ने घर बनवाने और एलआईसी भरने में लगाया था। पुरोहित के भी अन्य लोगों के साथ मिलकर किसी तरह की साजिश रचने के सबूत नहीं मिले हैं।

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