क्या ब्लड डोनेशन करने से शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम खराब हो जाता है?

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नई दिल्ली. दुनियाभर में 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है। इस इवेंट की शुरुआत वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने साल 2005 में की थी। जिसका उद्देश्य उन वालंटियर ब्लड डोनर को थैंक्स कहने और सेलिब्रेट करने का था। जो अक्सर अपने रक्त को दान देते रहते हैं। ब्लड डोनेशन जिंदगी बचाने का सबसे अच्छा जरिया और इससे जरूरतमंदों के लिए ब्लड सप्लाई भी बनी रहती है। आंकड़ों के मुताबिक हर दो सेकेंड में एक व्यक्ति को ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। जिससे वो कई सारी खतरनाक और जानलेवा बीमारी से बचते हैं। कैंसर, सिकल सेल एनीमिया, एक्सीडेंट और बच्चे को जन्म देने वाली महिला और सर्जरी के लिए समय पर खून मिलने से उनकी जान बच जाती है।

जरूरी है ब्लड डोनेशन
रक्तदान करना एक बार में ही काफी सारी लोगों की जान बचा सकता है। लेकिन खून देने के मामले में काफी सारे मिथ और अफवाहें रहती है। जिसकी वजह से अक्सर लोग ब्लड डोनेट करने से घबराते हैं।

ब्लड डोनेशन को लेकर अफवाहें
ब्लड डोनेशन यानी रक्तदान करने को लेकर लोगों के बीच काफी सारे मिथ और अफवाहें रहती है। उन्हें लगता है कि ब्लड डोनेट करने के बाद उनके शरीर में कमजोरी, इम्यूनिटी लेवल का कम होना, किसी भी तरह का इंफेक्शन तेजी से फैलता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट का मानना है कि ब्लड डोनेट करने से इम्यूनिटी लेवल के कम हो जाने का कोई कारण नहीं होता। बस जब हम ब्लड को डोनेट करते हैं तो शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम हो जाती है। जो कि टेंपरेरी होती है और कुछ दिनों के खानपान के बाद सही हो जाती है।

ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आती है?
बहुत सारे लोगों को लगता है कि ब्लड डोनेट करने से शरीर में कमजोरी आने लगती है। लेकिन एक्सपर्ट डाक्टरों का कहना है कि ब्लड डोनेट करने के लिए तभी लिया जाता है जब शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल 12.5 या उससे ज्यादा होता है। वहीं एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से केवल एक ग्राम हीमोग्लोबिन कम होता है। जिसकी वजह से कमजोरी नहीं होती।

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