कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दो और शावकों की मौत

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ग्वालियर. कूनो नेशनल पार्क से एक और दुखद खबर आई है। द​क्षिण अफ्रीका से यहां बसाई गई मादा चीता ज्वाला के दो शावकों की मौत गुरुवार को हो गई, जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई है।
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पूर्व में हुई एक शावक की मौत के बाद शेष तीन शावक एवं मादा चीता ज्वाला की पालपुर में तैनात वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं मानिटरिंग टीम लगातार निगरानी कर रही थी। दिन के समय समय चीता ज्वाला को सप्लीमेंट फूड दिया गया। दोपहर बाद निगरानी के दौरान शेष तीन शावक की स्थिति सामान्य नहीं लगी । शावकों की असामान्य स्थिति एवं गर्मी को देखते हुए प्रबंधन एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम ने उनका रेस्क्यू कर आवश्यक उपचार करने का निर्णय लिया। दो शावकों की स्थिति अत्यधिक खराब होने से उन्हें बचाया नहीं जाया जा सका। एक शावक को गंभीर हालत में गहन उपचार एवं निगरानी में पालपुर स्थित चिकित्सालय में रखा गया। शावकों के उपचार के लिए नामीबिया एवं साउथ अफ्रीका के सहयोगी चीता विशेषज्ञों एवं चिकित्सकों से लगातार सलाह ली जा रही है। उक्त शावक वर्तमान में गहन उपचार में हैं एवं उसके स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। मादा चीता ज्वाला वर्तमान में स्वस्थ है जिसकी सतत निगरानी की जा रही है। सभी शावक थे कमजोर इससे पहले सभी चीता शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन एवं अत्यधिक डिहाइड्रेटेड पाए गए। मादा चीता ज्वाला हैंड रियर्ड चीता है, जो पहली बार मां बनी थी। चीता शावकों की उम्र लगभग आठ हफ्ते है। इस अवस्था में चीता शावक सामान्यतः जिज्ञासु होते हैं एवं मां के साथ लगातार चलते हैं। चीता शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पूर्व ही अपनी मां ज्वाला के साथ घूमना शुरू किया था। चीता विशेषज्ञों के अनुसार सामान्यतः अफ्रीका में चीता शावकों का जीवित रहने का प्रतिशत बहुत कम होता है। स्टैंडर्ड पोटोकाल अनुसार पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जा रही है।

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