इजरायल-हमास एक महीने से भी ज्यादा समय से जारी अस्थायी युद्ध विराम पर सहमत हुए हैं। पश्चिमी एशिया में गहराए संकट के बीच यह एक राहत भरी खबर है। पूरी दुनिया इसका स्वागत कर रही है। शुरू से ही युद्ध विराम का मुखर समर्थर रहे रूस ने भी इसे अच्छी पहल बताया है। रूस ने युद्धविराम समझौते को “बहुत दिनों बाद मिली पहली अच्छी खबर” बताया। रूस ने कहा कि मानवीय ठहराव ही स्थायी समाधान के लिए प्रयास करने का एकमात्र तरीका है।
50 लोगों की रिहाई होगी
गौरतलब है कि इजरायल और हमास बुधवार को चार दिन के अस्थायी युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं। इससे 150 फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले गाजा में चरमपंथी समूह द्वारा बंधक बनाए गए 50 लोगों की रिहाई होगी और क्षेत्र में मानवीय सहायता आपूर्ति की अनुमति मिलेगी। समझौता लागू होने पर यह पहली बड़ी कूटनीतिक जीत होगी और सात अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले के बाद से शुरू हुए युद्ध में विराम लगेगा। यह घोषणा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस टिप्पणी के बीच आई है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे सभी लक्ष्य हासिल होने तक युद्ध जारी रहेगा।’’
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “रूस और दुनिया के अधिकांश देश युद्धविराम और मानवीय विराम का आह्वान कर रहे हैं। क्योंकि इस प्रकार के विरामों के आधार पर ही स्थायी समाधान के भविष्य के प्रयासों की कुछ रूपरेखाएं बनाई जा सकती हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी इजरायल और हमास के बीच समझौते का स्वागत करते हुए कहा, “हम सभी बंधकों को मुक्त कराने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।”
क्या है इजरायल-हमास समझौता
इजरायल-हमास समझौते को लेकर तेल अवीव में बुधवार को करीब छह घंटे तक बैठक चली। बैठक के बाद इजरायल कैबिनेट ने कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता वाले समझौते को तीन के मुकाबले 35 वोट से मंजूरी दी। धुर दक्षिणपंथी ओत्जमा येहुदित पार्टी के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर सहित पार्टी के मंत्रियों ने इसके खिलाफ वोट किया। कैबिनेट की बैठक से पहले युद्ध कैबिनेट और सुरक्षा कैबिनेट की बैठक हुई।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि गाजा में बंधक बनाई गईं 50 महिलाओं और बच्चों को चार दिनों में रिहा किया जाएगा, इस दौरान युद्ध विराम रहेगा। बयान में कहा गया है कि हर 10 अतिरिक्त बंधकों की रिहाई पर युद्ध विराम अगले दिन के लिए बढ़ा दिया जाएगा। हालांकि इसमें रिहा किए जाने वाले फलस्तीनी कैदियों की संख्या का जिक्र नहीं है। सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘इजरायल की सरकार सभी बंधकों की घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।’’
बयान के अनुसार, ‘‘आज रात सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के पहले चरण की रूपरेखा को मंजूरी दे दी, जिसके अनुसार कम से कम 50 बंधकों (महिलाओं और बच्चों) को चार दिनों के लिए रिहा किया जाएगा। इस दौरान युद्ध में विराम रहेगा। प्रत्येक 10 अतिरिक्त बंधकों की रिहाई के परिणामस्वरूप एक और दिन की राहत मिलेगी।’’ अंतिम मंजूरी के बाद अगले 24 घंटे तक समझौते को लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि इजरायल का कानून जनता को किसी समझौते के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने की अनुमति देता है।
युद्ध विराम चार दिनों का होगा
स्थानीय मीडिया का अनुमान है कि बंधकों की रिहाई का पहला चरण बृहस्पतिवार को सुबह हो सकता है। इजरायल ने 300 फलस्तीनियों की सूची जारी की है जिन्हें इजरायल और हमास के इस समझौते के तहत रिहा किया जा सकता है। यह सूची इजरायल के न्याय मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। सूची में शामिल लोगों के नाम, उम्र और अपराध का जिक्र है। पहले चरण में सिर्फ 150 कैदियों की रिहाई की संभावना है। कतर की राजधानी दोहा हमास के मुख्यालय के रूप में काम करती है। कतर ने इजरायल और हमास के बीच अस्थायी युद्ध विराम के लिए समझौते की पुष्टि की है और कहा है कि युद्ध विराम कब से लागू होगा इसकी घोषणा अगले 24 घंटे में होगी। युद्ध विराम चार दिनों का होगा।
बयान के अनुसार, ‘‘समझौते के तहत, इजरायल द्वारा पकड़े गए फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में हमास द्वारा कब्जे में लिए गए 50 बंधकों की रिहाई होगी। दोनों पक्षों द्वारा रिहा किए जाने वालों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। बाद के चरणों में रिहा किए जाने वाले बंधकों की संख्या बढ़ सकती है।’’ बयान के मुताबिक, इस समझौते से गाजा में मानवीय सहायता की आपूर्ति भी बढ़ेगी और युद्धविराम से ‘‘बड़ी संख्या में मानवीय सहायता एवं राहत सामग्री आपूर्ति वाहनों के काफिलों को जाने की अनुमति मिल जाएगी जिनमें ईंधन की आपूर्ति भी शामिल है।’’
