गणेश विसर्जन : अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। गणेश विसर्जन के साथ ही 10 दिनों तक चलने वाले गणेश महोत्सव का भी समापन हो जाएगा। इस दिन घरों और पंडालों में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन किया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर को है। गणेश विसर्जन के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा का पूरे मान-सम्मान और धूमधाम साथ विसर्जन किया जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी की प्रतिमा के विसर्जन तक व्रत रखें। गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन नंगे पांव रहकर ही करें। गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन की शुद्ध तालाब या नदी में ही करें। गंदे स्थानों पर प्रतिमा का विसर्जन न करें।
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
प्रातः मुहूर्त (शुभ) – 07:36 ए एम से 09:10 ए एम
अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – 12:19 पी एम से 05:02 पी एम
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) – 06:37 पी एम से 08:02 पी एम
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) – 09:28 पी एम से 01:45 ए एम, सितम्बर 07
उषाकाल मुहूर्त (लाभ) – 04:36 ए एम से 06:02 ए एम, सितम्बर 07
गणेश विसर्जन की विधि-
भगवान गणेश की स्थापित की गई प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। विसर्जन से पहले आरती जरूर कर लें। विसर्जन के लिए साफ़ पानी वाला स्थल चुनें (नदी, तालाब या समुद्र)। भगवान गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाएं तो उससे पहले पूरे घर में या पंडाल में अक्षत बिखेरें। हर्षोल्लास या उत्सव के गीत गाते हुए मूर्ति को ले जाएं। गणेश विसर्जन के समय ॐ गं गणपतये नमः या जय देव जय देव जय मंगल मूर्ति गणेश का जप करें। मूर्ति को धीरे-धीरे पानी में डालें। अगर संभव हो तो मूर्ति को पानी में डालने से पहले हल्का सा छूकर आशीर्वाद दें। मूर्ति विसर्जन के बाद थोड़ा समय पानी के पास खड़े होकर भगवान का आभार व्यक्त करें और सभी लोग मिलकर “गणपति बप्पा मोरया, अगले वर्ष जल्दी आना” का जयकारा लगाएं।
